तृप्ता त्यागी ने एनडीटीवी से कहा कि वो अपने घिनौने कृत्य पर "शर्मिंदा" नहीं हैं। तृप्ता ने कहा, "मुझे कोई शर्म नहीं है। मैंने एक शिक्षक के रूप में इस गांव के लोगों की सेवा की है। वे सभी मेरे साथ हैं।"
उन्होंने अपने एक्शन को उचित ठहराने की कोशिश करते हुए कहा कि स्कूल में बच्चों को "नियंत्रित" करना जरूरी है। विवादित टीचर ने कहा कि "उन्होंने (सरकार) कानून बनाए हैं, लेकिन हमें स्कूलों में बच्चों को नियंत्रित करने की जरूरत है। हम उनसे इसी तरह निपटते हैं।"
तृप्ता त्यागी ने इस इंटरव्यू से पहले वायरल वीडियो पर विवाद को "मामूली मुद्दा" बताकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा, "यह मेरा इरादा नहीं था। मैं अपनी गलती स्वीकार कर रही हूं, लेकिन इसे बेवजह एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया।" उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी हमला बोला था औऱ कहा था कि वो इस मुद्दे को क्यों तूल दे रहे हैं। हालांकि इस घटना की निन्दा राहुल के अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने भी की थी। पश्चिमी यूपी के चर्चित नेता और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने भी इस घटना पर अफसोस जताया और पीड़ित बच्चे के पिता से बात की थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि जांच के बाद उन्होंने पाया कि आरोपी टीचर ने कहा था, "उन मुस्लिम बच्चों की मांएं जो अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती हैं, उनकी पढ़ाई पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है।" मुजफ्फरनगर के डीएम ने कहा कि हमने टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में पूरी कार्रवाई की जाएगी।
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मुजफ्फरनगर जिले की इस विवादित टीचर का बयान बार-बार बदल रहा है। शनिवार को उन्होंने मीडिया के सामने यह भी कहा था कि चूंकि वो विकलांग हैं, इसलिए उन्होंने बच्चों से थप्पड़ लगवाए। इस तरह उनके अब तक तीन तरह के बयान सामने आ चुके हैं।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग विवादित टीचर को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। विभिन्न दलों के नेताओं ने भी राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इस घटना की घृणा अपराध (Hate Crime) के रूप में निंदा की। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने कहा, ''हमने संज्ञान लिया है और पूरी कार्रवाई की जाएगी।''
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