नरेंद्र मोदी की चाय दुकान से प्रधानमंत्री बनने तक के सफ़र और उनकी कामयाबी से प्रेरणा लेकर उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर की रहने वाले मीनाक्षी ने भी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और राजनीति में कूद पड़ीं।
तीन साल से चाय की दुकान चला कर आजीविका कमाने वाली 35 साल की मीनाक्षी अपने गाँव चोरावाला से चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
चोरावाला गाँव की मीनाक्षी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत क़र्ज़ लेकर चाय की दुकान शुरू की थी। वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने 'हिन्दुस्तान' से कहा,
“
मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफर से प्रेरित हूँ। अगर चाय बेचने के बाद वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं, तो मैं एक चायवाली होकर ग्राम प्रधान क्यों नहीं बन सकती हूं?
मीनाक्षी, उम्मीदवार, यूपी पंचायत चुनाव
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याद दिला दें कि नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उनका बचपन गुरबत में बीता, वह अपने पिता की चाय की दुकान पर उनकी मदद किया करते थे।
इसके बाद गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि उनकी माँ लोगों के घरों में कपड़े धोने का काम करती थी और कुछ लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक गरीब माँ का बेटा प्रधानमंत्री बने।
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