ऐसे समय जब चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है और पश्चिम बंगाल में चार चरणों का मतदान हो चुका है, उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की बारी भी आई ही गई।
स्थानीय स्तर पर होने वाले चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व इसलिए भी कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनावों की तुलना में बहुत अधिक संख्या में उम्मीदवार चुने जाएंगे और इसी तरह उम्मीदवारों की तादाद भी बहुत ही ज़्यादा होगी।
पहले चरण में सहारनपुर, ग़ाज़ियाबाद, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागरा, हरदोई, राय बरेली, अयोध्या, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, जौनपुर और भदोही में 15 अप्रैल यानी गुरुवार को मतदान होंगे।
17 लाख उम्मदीवार!
चार चरणों में होने वाले उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 में 8.69 लाख से ज़्यादा पदों के लिए लोग चुने जाएंगे और इसके लिए 17 लाख से अधिक उम्मीदवार मैदान में होंगे, यह संभावना जताई जा रही है। इसे इससे समझा जा सकता है कि सिर्फ पहले चरण के मतदान के लिए ही 3.40 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले चरण में 20 ज़िलों में 2.21 पदों के लिए मतदान होगा।
इसकी तुलना में 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 सीटों के लिए मतदान हुआ और 4,850 उम्मीदवार मैदान में थे।
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सभी दलों के उम्मीदवार
यूपी पंचायत चुनाव 2021 की खूबी यह भी है कि सभी राजनीतिक दलों ने आधिकारिक तौर पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस ही नहीं, ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहाद-ए-मुसलिमीन (एआईएमआईएम), भीम आर्मी और आम आदमी पार्टी भी इस बार पूरे दम खम के साथ मैदान में है।
इस चुनाव का चरित्र स्थानीय होकर भी स्थानीय नहीं रहा और इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले सेमीफ़ाइनल माना जा रहा है।
सांसत में बीजेपी
दिल्ली के नज़दीक चल रहे किसान आन्दोलन से बीजेपी थोड़ा सहमी हुई है और उसे लग रहा है कि यूपी पंचायत चुनाव 2021 में उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा। यही कारण है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह ही नहीं, केंद्रीय मंत्री मनेका गांधी तक बढ़ती उमस और तपिश के बीच पूरे राज्य का दौरा करने में मशगूल हैं।
चार चरणों में चुनाव
यूपी पंचायत चुनाव 2021 चार स्तरों पर हो रहे हैं- ग्राम पंचायत, ग्राम प्रधान, ब्लॉक पंचायत और ज़िला पंचायत।
दूसरे चरण में 19 अप्रैल, तीसरे चरण में 26 अप्रैल और चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होंगे। वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
कोरोना दिशा निर्देश
राज्य चुनाव आयोग ने कोरोना के मद्देनज़र दिशा निर्देश जारी किए हैं और सभी संभावित उम्मीदवारों व प्रशासन से उसे सख़्ती से लागू करने को कहा है।
यूपी निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने सभी ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि नामांकन के लिए विकास खण्ड मुख्यालय आने वाले उम्मीदवारों के समर्थकों को नामांकन स्थल से दो सौ मीटर दूर ही रोक दिया जाए। इसके साथ ही नामांकन स्थल पर उम्मीदवार, उसके चुनाव अभिकर्ता, प्रस्तावक और मदद के लिए एक अन्य व्यक्ति को ही आने की अनुमति दी जाएगी।
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दिशा निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई कोविड संक्रमित रोगी या उसके साथ रह रहा व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है तो वह अपना नामांकन पत्र अपने प्रस्तावक या किसी अन्य प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पेश कर सकता है। उम्मीदवार खुद रिटर्निंग ऑफिसर के पास हीं जाएगा।
क़ानून व्यवस्था पर नज़र
इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में क़ानून व्यवस्था के मद्देनज़र अधिक एहतियात बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश की सीमा से लगे ज़िलों में पुलिस के जवानों के साथ ही दूसरी सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है।
नामांकन के दौरान एक उम्मीदवार अधिकतम चार नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत कर सकेगा। इसके अलावा वही व्यक्ति उम्मीदवार का प्रस्तावक बन सकेगा, जिसका नाम वार्ड की मतदाता सूची में शामिल हो। नामांकन दाखिल होने के बाद उसकी स्क्रीनिंग करवाई जाएगी। स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे।
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