एक बेहद अहम घटनाक्रम में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, वाराणसी व दूसरे तीन शहरों में 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। लेकिन आवश्यक सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है। अदालत ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह कदम उठाने को कहा है।
लेकिन, योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। 'आजतक' के अनुसार, सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभााग के प्रमुख नवनीत सहगल ने यह कहा है कि सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा क्योंकि लोगों की आजीविका का भी ख्याल रखना ज़रूरी है।
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क्या कहना है सरकार का?
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 28,287 के नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 2,08,000 हो गई। दूसरी ओर, अब तक 6,61,311 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, 'प्रदेश में 2,00,751 नमूनों की जाँच की गई, जिसमें से लगभग 1 लाख नमूने आरटी-पीसीआर के हैं। अब तक प्रदेश में 3,84,00,000 से ज्यादा नमूनों की जाँच हो चुकी है।'
नवनीत सहगल ने आगे कहा कि अब तक प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक़ 91,25,397 लोगों को दी गई है। अब तक 16,16,822 लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक़ भी दी जा चुकी है।
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