देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन के लिए होने जा रहे चुनाव के प्रचार का आज आखिरी दिन है। इस चरण में बीजेपी व सपा के साथ उनके सहयोगी दलों का भी इम्तेहान होना है।
इस चरण में बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी भी कई सीटों पर चुनाव मैदान में है जबकि सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी चुनाव लड़ रही है।
इस चरण में 54 सीटों पर मतदान होना है। जिन जिलों में मतदान होगा उनमें- आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र शामिल हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 54 सीटों में से 29 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 7 सीटें उसके सहयोगी दलों को मिली थी। सपा को 11 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 6 सीटें बीएसपी के खाते में गई थी। इसके उलट 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा को यहां पर 34 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीएसपी को 7 और बीजेपी को 4 सीटों पर जीत मिली थी।
शनिवार को भी प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में हैं। मोदी संगठन के नेताओं के साथ बैठक करने के अलावा खुजुरी में जनसभा को संबोधित करेंगे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़, मिर्जापुर व जौनपुर में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गाजीपुर में जनसभा को संबोधित करेंगी और जौनपुर में डोर टू डोर प्रचार करेंगी।
वाराणसी से है उम्मीद
क्योंकि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है इसलिए बीजेपी को इस बार यहां पर बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन को इस इलाके में दलित और ओबीसी मतदाताओं का अच्छा साथ मिला था। बीएसपी को गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज संसदीय क्षेत्रों में जीत मिली थी जबकि अखिलेश यादव आजमगढ़ की सीट से चुनाव जीते थे।
इस इलाके में अपना दल (सोनेलाल) और ओमप्रकाश राजभर के दावों का भी इम्तिहान है। यहां की दो सीटें रॉबर्ट्सगंज और मिर्जापुर कुर्मी बहुल इलाके हैं और इनमें 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (सोनेलाल) को जीत मिली थी। दूसरी ओर, ओमप्रकाश राजभर भी इस इलाके के जाने-पहचाने चेहरे हैं और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उनसे यहां पर बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।
यहां पर कुर्मियों के अलावा राजभर मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। इसके अलावा निषाद मतदाताओं की संख्या भी ठीक-ठाक है।
2017 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की 8 सीटों में से बीजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एक सीट पर अपना दल (सोनेलाल) और दूसरी सीट पर सुभासपा को जीत मिली थी। वाराणसी में वैश्य समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है। इसके बाद ब्राह्मण, ओबीसी मतदाताओं में कुर्मी, यादव और दलित मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं।
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