जन घोषणापत्र
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनाव घोषणापत्र को महज वादों का रस्मी दस्तावेज़ बनाने के बजाय इसे जन भागीदारी के साथ तैयार किए जाने को कहा है। टीम प्रियंका के एक अहम सदस्य के मुताबिक़, कांग्रेस का यूपी विधानसभा चुनाव के लिए जारी होने वाला घोषणापत्र महज वादों का पुलिंदा न होकर वचनबद्धता के साथ पेश किया जाने वाला दस्तावेज होगा।अलग-अलग आयु वर्ग के, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, कामगार, किसान, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक, छात्र एवं युवा, महिलाएं, दिव्यांग, खिलाड़ी, व्यापारी, दिहाड़ी मज़दूर, पटरी दुकानदार, पेंशनर, खेत मजदूर और अन्य वर्गों के लोग शामिल होंगे।
ज़िलों की राय होगी अहम
पार्टी की तैयारी घोषणापत्र तैयार करने की पूरी प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण की है। इसके तहत किसी कमरे में बैठकर नहीं, बल्कि जनता के बीच ज़मीन पर जाकर बात करने के बाद घोषणपत्र तैयार किया जाएगा। छह महीने पहले जारी होने वाले घोषणा पत्र में हालांकि इस बात की भी गुंजाइश रखी जाएगी कि एन चुनाव के समय सामने आने वाले किसी महत्वपूर्ण विषय का समस्या को उसमें शामिल किया जा सके। घोषणापत्र तैयार करने से पहले विचार विमर्श की प्रक्रिया में प्रदेश के सभी ज़िलों के लोगों को शामिल किया जाएगा और हर जिले में भी हर वर्ग के लोगों से संपर्क साधा जाएगा।
मेनिफेस्टो कमेटी
इसी सोमवार को कांग्रेस ने यूपी के लिए मेनिफेस्टो कमेटी के गठन का एलान किया है। इस चुनाव घोषणा पत्र समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पी. एल. पुनिया, कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, पूर्व विधायक विवेक बंसल, सुप्रिया श्रीनेत व अमिताभ दुबे को शामिल किया गया है।
जहां यह समिति घोषणा पत्र का प्रारूप तैयार करेगी और उसे अंतिम रूप देगी, वहीं बड़ी तादाद में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व नेताओं को जनता से विचार विमर्श करने व उनकी अपेक्षाएँ जानने के काम में लगाया जाएगा।
अगले महीने शुरू होगी प्रक्रिया
कांग्रेस का कहना है कि जनवरी से शुरू हुई इस प्रक्रिया में कोरोना संकट व लॉकडाउन के चलते बाधा आयी थी। पर अब इसे स्वास्थ्य संबंधी प्रतिबंधों व सावधानियों का पालन करते हुए फिर से शुरू किया जा रहा है। पार्टी का मानना है कि यूपी विधानसभा चुनावों के काफी पहले अगले साल अगस्त-सितंबर तक घोषणा पत्र तैयार कर जारी कर दिया जाएगा।
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