उत्तर प्रदेश कांग्रेस महंगाई, बेरोज़गारी, क़ानून व्यवस्था, किसानों की समस्याओं, महिला अपराध और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सोमवार को सड़क पर उतर आई है। पार्टी ने 'बीजेपी गद्दी छोड़ो' का नारा दिया है और प्रदेश भर में कांग्रेसी कार्यकर्ता योगी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। 10 अगस्त को भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा और इसके तहत विधानसभा स्तरीय पदयात्रा निकाली जा रही है।
यह पदयात्रा सभी 403 विधानसभा सीटों में निकाली जा रही है। पदयात्रा को सफल बनाने के लिए कांग्रेस की प्रदेश, जिला, ब्लॉक व शहर इकाइयों ने पूरी ताक़त झोंक दी थी।
निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सियासी भविष्य दांव पर है।
कांग्रेस ने प्रदेश के सभी ब्लॉक से लेकर न्याय पंचायतों तक कमेटी का गठन कर दिया है और पार्टी ने पूरी तरह चुनाव में उतरने की तैयारी कर ली है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस 9 अगस्त से 9 सितंबर तक लगभग 70 हज़ार कार्यकर्ताओं को योगी सरकार की विफलताओं के बारे में प्रशिक्षित करेगी। इसके साथ ही उन्हें बूथ मैनेजमेंट, सोशल मीडिया के इस्तेमाल, कांग्रेस और बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा के अंतर के बारे में भी बताया जाएगा।
एसपी कर रही ओबीसी सम्मेलन
दूसरी ओर, अखिलेश यादव की अगुवाई वाली एसपी भी ओबीसी सम्मेलन करने जा रही है। एसपी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. राजपाल कश्यप 9 अगस्त को कानपुर नगर, 10 अगस्त को फूलन देवी के गांव में कानपुर देहात में, 11 अगस्त को झांसी, 12 अगस्त को महोबा, 13 अगस्त को हमीरपुर, 14 अगस्त को कानपुर ग्रामीण में ओबीसी सम्मेलन में भाग लेंगे। इनका समापन 15 अगस्त को फतेहपुर के जहानाबाद विधानसभा में किया जाएगा।
दो दिन के दौरे पर रहे नड्डा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दो दिन के उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने लखनऊ और आगरा में पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत हासिल करने के टिप्स दिए। नड्डा ने पार्टी के नेताओं से कहा कि सभी बड़े नेताओं को बूथ स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के अभियान में जुटना चाहिए।
इसके बाद बीजेपी भी सोमवार से पन्ना प्रमुखों की बैठक शुरू करने जा रही है। पार्टी का कहना है कि संगठन को मजबूत करने के लिए मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को उनके इलाक़े में पन्ना प्रमुख बनाया जा सकता है।
इसके अलावा बीएसपी लगातार ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है और वह दलित समुदाय के बीच भी अपनी पहुंच को बढ़ाने के काम में जुटी है। आरएलडी भी भाईचारा सम्मेलन कर रही है।
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