वैसे तो योजनाओं का फीटा काटना या फिर सरकारी फ्लैटों को नेताओं द्वारा लोगों को सौंपा जाना सामान्य बात है, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ऐसा किया जाना बिल्कुल अलग घटना है। मुख्यमंत्री ने उन फ्लैटों को ग़रीबों को सौंपा है जिसकी जमीन एक माफिया से जब्त की गई थी। उस माफिया की पुलिस हिरासत में ही हत्या कर दी गई थी।
ये माफिया कोई और नहीं, गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद थे। एनकाउंटर किए जाने के साये में जिस अतीक अहमद को बार-बार गुजरात और यूपी के बीच सड़क मार्ग से लाया-ले जाया जा रहा था, उनकी आख़िरकार अप्रैल महीने में पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी। जिस वक़्त यह अपराध हुआ उस वक़्त पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। मीडिया कर्मियों के कैमरे भी थे। और अतीक पत्रकारों के सवाले के जवाब भी दे रहे थे। सबकुछ लाइव था। यानी हत्या की यह वारदात पूरी तरह लाइव चली। घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई थी।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से जनपद प्रयागराज में माफिया से मुक्त कराई गई भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत निर्मित 76 आवासों की चाबी आज लाभार्थियों को वितरित की गई।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 30, 2023
इस अवसर पर जनपद वासियों को ₹768 करोड़ की 226 विकास… pic.twitter.com/ppwKWmsPTA
इसी प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अतीक अहमद की हत्या से जब्त की गई जमीन पर गरीबों के लिए बनाए गए 76 फ्लैटों की चाबियां सौंपी। फ्लैट प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बनाए गए और इस महीने की शुरुआत में लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए गए थे। मुख्यमंत्री ने आज एक समारोह में लाभार्थियों को आवंटन पत्र सौंपे।
अधिकारियों के मुताबिक़, प्रत्येक फ्लैट 41 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है और इसमें दो कमरे, एक रसोईघर और एक शौचालय है। फ्लैटों के लिए 6,000 से अधिक लोगों ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण में आवेदन किया था और 1,590 लोगों को आवंटन लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र पाया गया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह वही राज्य है जहां 2017 से पहले कोई भी माफिया गरीबों, व्यापारियों या यहां तक कि सरकारी संस्थानों की जमीन पर कब्जा कर सकता था। तब गरीब केवल असहाय होकर देख सकते थे। अब, हम उसी जमीन पर गरीबों के लिए घर बना रहे हैं। इन माफियाओं से जब्त किया गया है, यह एक बड़ी उपलब्धि है।'
बता दें कि हत्या के एक मामले में अतीक और अशरफ से पूछताछ लगभग पूरी हो चुकी थी और नियमित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, दोनों को न्यायिक हिरासत में वापस भेजे जाने से पहले चेक-अप के लिए पुलिस सुरक्षा में अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन इसी बीच दोनों को सरेआम, पुलिस और टेलीविज़न कैमरे के सामने हत्या कर दी गई। टेलीविजन फुटेज में हत्या के वक़्त अतीक अहमद को पत्रकारों से बात करते हुए देखा गया।
घटना से कुछ दिन पहले अतीक को अपहरण के एक मामले में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
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