उत्तर प्रदेश में बीजेपी के विधायकों में योगी सरकार के ख़िलाफ़ असंतोष होने की कई घटनाएं बीते कुछ महीनों में सामने आई हैं। विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ता जा रहा यह असंतोष निश्चित रूप से सरकार और संगठन के लिए मुसीबत पैदा कर रहा है।
ताज़ा कथित ऑडियो वायरल हुआ है गोरखपुर से पार्टी के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल का। बीजेपी विधायक की इसमें फ़ोन पर पार्टी के एक स्थानीय पदाधिकारी से बातचीत हो रही है।
ऑडियो में बीजेपी का पदाधिकारी कथित रूप से कहता है, ‘विधायक जी, मैं चतुर्भज प्रसाद बोल रहा हूं, बीजेपी का मंडल महामंत्री। अलीनगर में हमारे भैया रमेश जायसवाल रहते हैं। गोरखनाथ के पीछे रामनगर में रमेश के सुभाष जायसवाल नाम के रिश्तेदार रहते हैं। सुभाष जायसवाल के पास एक ठाकुर परिवार रहते हैं।’
इस पर विधायक कहते हैं, ‘ठाकुर परिवार नहीं...परिवार रहते हैं। बीजेपी में रहते हैं, ठाकुरों की सरकार चल रही है और आप ठाकुर परिवार की बात कर रहे हैं। क्या गलत कर रहे हैं वो।’ विधायक सवालिया लहजे में कहते हैं, ‘बनियों की सरकार चलती है कभी, ठाकुरों से ठीक रहिए। ठाकुर परिवार मत कहिए। डर के रहिए उनसे।’
बीजेपी पदाधिकारी कहते हैं, ‘सुभाष जायसवाल के परिवार में लड़कियां हैं और ये लोग (ठाकुर परिवार) बदतमीजी-छेड़छाड़ कर रहे हैं। रिश्तेदारी होने के नाते रमेश जायसवाल वहां गए तो मारपीट-लड़ाई झगड़ा हो गया। चार-पांच महीने से छेड़छाड़ हो रही है।’
थोड़ी देर बाद विधायक पूछते हैं कि क्या लड़कियां बयान देंगी। बीजेपी पदाधिकारी कहते हैं कि हां देंगी। विधायक कहते हैं, ‘दोनों लड़कियों की ओर से अलग-अलग चिट्ठी लिखवाइए एसएसपी के नाम से। जो छेड़खानी कर रहे थे, उन्हें नामजद कराइए। यह भी लिखिए कि हमारे साथ मारपीट हुई है और गोरखनाथ का थाना छेड़खानी करने वालों के साथ खड़ा है।’
विधायक ने कहा कि आप चिट्ठी लेकर जाइए एसएसपी के पास फिर मैं उन्हें फ़ोन करूंगा। चिट्ठी में बिना यह उल्लेख किए कि वो ठाकुर हैं, उनका नाम लिखिए। यह पता चले कि वो आरोपी सिंह है और थानेदार भी सिंह है। विधायक आगे कहते हैं कि अगर तुम लड़ोगे तभी मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।
गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद भी है, ऐसे में विधायक का यह कथित ऑडियो उत्तर प्रदेश में सरकार और बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
...क्या हम भी दलाली शुरू करें
विधायक अग्रवाल इन दिनों बेहद मुखर हैं और काफी दिनों से ट्वीट करके उन्होंने सरकार को हलकान किया हुआ है। इससे पहले विधायक पुलिस के ख़िलाफ़ भी आवाज़ उठा चुके हैं। हाल ही में एक अभियंता के ख़िलाफ़ उन्होंने बिगुल बजाया है।
अभियंता के पक्ष में तीन अन्य बीजेपी विधायकों के खड़े होने के बाद विधायक अग्रवाल ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था, ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है? आपने कभी ऐसा देखा और सुना? खुलेआम? विधायक जी लोग रोते हैं कि अधिकारी सुनते नहीं, बल्कि बेइज्जती करते हैं, हमने बिगुल बजाया तो अदने से पीडब्ल्यूडी के अभियंता के पीछे खड़े हो गये, तो क्या हम भी दलाली शुरू करें।’
@sunilbansalbjp @kpmaurya1 @myogiadityanath /
— Dr.radha mohan das agrawal (@AgrawalRMD) August 26, 2020
यह रिश्ता क्या कहलाता है?
आपने कभी ऐसा देखा और सुना?
खुले आम?
विधायक जी लोग रोते हैं कि अधिकारी सुनते नहीं, बल्कि बेइज्जती करते हैं
हमने बिगुल बजाया तो अदने से पीडब्ल्यूडी के अभियंता के पीछे खड़े हो गये
तो क्या हम भी दलाली शुरू करें pic.twitter.com/OfouujMsMd
विधानसभा में विधायकों का प्रदर्शन
उपेक्षा से जूझते 100 से अधिक विधायकों ने बीते दिसम्बर में शीतकालीन सत्र में विधानसभा की कार्रवाई को घंटों तक चलने नहीं दिया था। लोनी (गाज़ियाबाद) के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपने क्षेत्र के फ़ूड इंस्पेक्टर द्वारा उन्हें अपमानित किये जाने के सवाल को उठाना चाहा। विधायक की शिकायत थी कि उलटे फ़ूड इंस्पेक्टर ने उन्हें मुख्यमंत्री के साथ अपनी निकटता होने के चलते फटकारा। इतना ही नहीं फ़ूड इंस्पेक्टर की शिकायत पर थाना पुलिस ने विधायक को बुलाकर 5 घंटे तक थाने में बैठाये रखा। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा के अंदर प्रदर्शन किया था।‘कोरोना के नाम पर लूट-खसोट’
विधायकों के असंतोष की एक घटना तब सामने आई थी जब इस साल मई में बहराइच जिले के बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने अधिकारियों को फटकारते हुए पूरे जिले को लूट का अड्डा बना देने का आरोप लगाया था। विधायक ने कहा था कि राशन किटों में घोटाला हो रहा है।विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा था कि पुलिस दुकान का शटर उठा देने के नाम पर हजारों रुपये की वसूली कर रही है और कोरोना के नाम पर जमकर लूट-खसोट हो रही है। बहराइच जिले के कई पुलिस थानों का नाम लेते हुए विधायक ने कहा था कि ये लूट के अड्डे बन गए हैं। इस दौरान विधायक रात को औचक निरीक्षण पर निकले थे।फ़ेसबुक पर बयां कर रहे दर्द
हरदोई से बीजेपी सांसद जयप्रकाश ने हाल ही में फेसबुक पर अपने गुस्से को जताते हुए लिखा "मैंने अपने 30 साल के राजनीतिक जीवन में अधिकारियों की ओर से ऐसी बेरुख़ी कभी नहीं देखी।" सांसद आगे लिखते हैं कि उन्होंने सांसद निधि को कोरोना के लिए दान में दिया लेकिन उनके बार-बार लिखने के बावजूद सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं खरीदे गए। सांसद ने लिखा था, "मेरी निधि की राशि कहाँ गयी, मुझे ही नहीं मालूम। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है।"इससे पूर्व गोपामऊ से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने भी सरकारी भ्रष्टाचार और अधिकारीयों द्वारा जन प्रतिनिधियों की लगातार अनसुनी करने की बाबत फेसबुक पर लिखा था। पिछले दिनों मोहनलालगंज (लखनऊ) संसदीय सीट से बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने लखनऊ के एसएसपी की कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए फेसबुक पर लिखा कि पुलिस के नकारात्मक रवैये के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
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