बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार
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बाबूलाल मरांडी
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पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
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चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक रैलियों पर प्रतिबंध के बाद यूपी में बीजेपी सभी विधानसभा क्षेत्रों में अब एलईडी रथ भेजेगी। यह अभियान 15 जनवरी से शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही बीजेपी ने पांच सदस्यों वाली टीमों का भी गठन किया है जो मंगलवार से राज्य भर में विशेष जन संपर्क कार्यक्रम कर रहा है।
यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ में मीडियाकर्मियों से कहा कि एलईडी रथ लोगों को राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जागरूक करेंगे और मतदाताओं से बीजेपी को वोट देने की अपील करेंगे।
चुनावी रैलियों और सभाओं पर चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब सभी दलों ने अपने प्रचार को ऑनलाइन और तकनीक पर आधारित कर लिया है। इसके लिए दल चुनावी राज्यों में 'वार रूम' बना रहे हैं। इसी के तहत चुनावी प्रचार के लिए अलग-अलग तरीक़े अपनाए जा रहे हैं।
बीजेपी ने भी जनसंपर्क अभियान के साथ ही एलईडी रथ तैयार किए हैं जो विधानसभा क्षेत्रों में घूमेंगे और इसके माध्यम से सरकार में किए गए कार्यों का बखान किया जाएगा। एलईडी स्क्रीन पर किए गए कार्यों के वीडियो चलाए जाएँगे और मतदाताओं तक प्रमुख नेताओं के भाषण को पहुँचाने की कोशिश की जाएगी।
बीजेपी नेता 1,74,000 मतदान केंद्रों पर 'पूरी हुई आस, हर घर का विकास' के नारे के साथ मतदाताओं तक पहुंचेंगे। संपर्क कार्यक्रम महिलाओं, ओबीसी और एसटी समुदाय और कई सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर केंद्रित होगा।
पार्टी ने मेरठ में पश्चिम यूपी क्षेत्रीय कार्यालय में एक 'वार रूम' भी स्थापित किया है, क्योंकि पश्चिम यूपी में पहले दो चरणों में मतदान होगा। लगभग 100 लोग वर्तमान में वॉर रूम में सोशल मीडिया, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और कॉल सेंटर देख रहे हैं।
यूपी बीजेपी उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने ईटी को बताया, 'हमने ओबीसी समुदाय के 15,000 प्रभावशाली लोगों की सूची बनाई है और वे अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में छोटे समूहों में मतदाताओं तक पहुंचेंगे। कार्यक्रम 4 जनवरी से चल रहा है।' बीजेपी के वेस्ट यूपी अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने कहा, 'हमने बूथ स्तर तक 25,000 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं और डिजिटल रैलियां करने के लिए तैयार हैं।'
चुनाव आयोग ने पाँच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तो घोषणा कर दी, लेकिन इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ही कई तरह के कड़े प्रतिबंध भी लगाए हैं।
कोरोना जैसी महामारी के बीच मतदान कराने के अपने फ़ैसले का बचाव करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि समय पर चुनाव कराना लोकतांत्रिक शासन को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।
आयोग ने कहा था, 'उम्मीदवारों को यथासंभव वर्चुअल मोड के माध्यम से अपने अभियान का संचालन करना चाहिए ... सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी और मतगणना के बाद कोई विजय जुलूस नहीं होगा।'
आयोग ने कहा कि यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है तो रैलियों और बैठकों की आगे की अनुमति रोक दी जाएगी।
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