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उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के नाम पर आम लोगों पर पुलिस द्वारा ज़्यादती करने के कई वीडियो सामने आ चुके हैं। अब एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें बलिया के एसडीएम अशोक चौधरी और उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मी आम लोगों को बुरी तरह पीट रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर जब लोगों ने एसडीएम को लताड़ा तो सरकार ने अफ़सर को सस्पेंड कर दिया।
वीडियो के पहले हिस्से में दिख रहा है कि एसडीएम चौधरी व उनकी टीम एक दुकान में पहुंचती है। दुकान में मौजूद दो नौजवानों में से एक ने मास्क पहना हुआ है जबकि दूसरे ने रूमाल से चेहरा अच्छी तरह कवर किया हुआ है।
लेकिन न जाने एसडीएम साहब और पुलिसकर्मियों को वर्दी और ताक़त का क्या नशा छाया हुआ है कि उन्होंने आव देखा न ताव और पहले रूमाल लगाए हुए युवक और बाद में उसके साथी को दुकान से बाहर खींच लिया और लट्ठ बरसाने लगे।
इस दौरान मास्क पहना हुआ युवक लगातार कह रहा है कि सर, रूमाल अलाउड है यानी रूमाल लगाने की अनुमति है। लेकिन एसडीएम ने उस पर लट्ठ चलाने शुरू कर दिए। एसडीएम ने जी भरकर लट्ठ उस युवक पर चलाए और दूसरे युवक पर पुलिसकर्मी वर्दी का जोर दिखाने लगे।
इसके बाद एसडीएम और पुलिसकर्मी दोनों को खींचकर पास में एक जगह ले जाते हैं और वहां भी युवक यही कहता है कि सर रूमाल लगाने की अनुमति है लेकिन बेवजह भड़के हुए एसडीएम और लट्ठ चला देते हैं। युवक अपना खून से लथपथ हाथ दिखाता है।
ये पूरी तरह ताक़त का नंगा नाच है जिसमें आप किसी को भी पीट दो, वो भी बिना किसी दिक्कत के। दिक्कत आपको आएगी ही नहीं क्योंकि आपके पास शासन की ताक़त है।
लॉकडाउन के दौरान भी उत्तर प्रदेश में ऐसे कई वीडियो सामने आए, जहां सरकारी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने घर लौट रहे मज़दूरों के साथ जमकर ज़्यादती की।
ख़ैर, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद एसडीएम पर निलंबन की कार्रवाई तो हुई लेकिन इससे कुछ ज़्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि अगर फर्क पड़ता तो इससे पहले भी आम लोगों को पीटने वाले कई पुलिसकर्मियों पर ऐसी कार्रवाइयां हो चुकी हैं लेकिन यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा।
यह हमारे बिल्थरा रोड बलिया के SDM साहब है जो रुमाल और मास्क से चेहरा ढकने के बाद भी लोगो की लाठी डंडो से पिटाई कर रहे है ,,,,, आखिर अधिकारीयो को यह हक किसने दिया @CMOfficeUP @sengarlive pic.twitter.com/XLjPjpAWMF
— Navneet Singh (@Navneet6602) August 20, 2020
इन्हीं एसडीएम के कुछ और वीडियो भी सामने आए हैं जहां वह और उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मी शायद किसी सरकारी दफ़्तर में घुसकर लोगों को पीट रहे हैं। और ऐसे लोगों को पीटा जा रहा है, जिन्होंने मास्क पहना हुआ है। पता नहीं क्या फितूर एसडीएम पर सवार हुआ है कि वह लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार को क्या ऐसा लगता है कि लोगों को जी-भरकर पीटने से कोरोना का संक्रमण रुक जाएगा।
सरकार जवाब दे कि मास्क पहने लोगों को क्यों पीटा जा रहा है और रूमाल से चेहरे को कवर करने की बात तो ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार टीवी के सामने आकर कह चुके हैं। लेकिन इस एसडीएम ने तो कोरोना महामारी से लड़ने की योगी सरकार की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जून के महीने में लॉकडाउन में निर्धारित समय से ज़्यादा दुकान खुली रहने के दौरान हुई बहस के बाद पुलिसवालों पर राक्षसों जैसा बर्ताव करने का आरोप लगा था। पुलिस पर आरोप था कि जेयाराज और बेनिक्स नाम के बाप-बेटे को रात भर थाने में रखकर बर्बरता से मारा गया था। इसे लेकर तमिलनाडु सहित पूरे देश में आम लोगों का जबरदस्त आक्रोश सामने आया था। लेकिन पुलिसिया बर्बरता की कहानियां आज किसी राज्य तो कल दूसरे राज्य से सामने आती रहती हैं।
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