उत्तर प्रदेश एटीएस ने कहा है कि राज्य के सहारनपुर से गिरफ्तार एक आतंकवादी को बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की हत्या का काम सौंपा गया था। इसने यह भी दावा किया है कि उसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक ए तालिबान द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था।
आरोपी की पहचान मोहम्मद नदीम के रूप में हुई है। उसको राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस ने गिरफ्तार किया। एएनआई ने पुलिस के हवाले से ख़बर दी है कि आरोपी को बीजेपी की उस पूर्व नेता नूपुर शर्मा की हत्या का काम सौंपा गया था जो हाल ही में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के विवाद में शामिल थीं।
एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा है कि नदीम 2018 से पाकिस्तान से बाहर के गुर्गों के लगातार संपर्क में था। पुलिस ने आगे कहा कि नदीम ने अपने आकाओं से जुड़ने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया, जिन्होंने उसे शर्मा को मारने का काम सौंपा था। पुलिस ने कहा है कि मोहम्मद नदीम हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान जाने के लिए तैयार था, उसके फोन रिकॉर्ड और संदेशों से यह खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने एक भारतीय सहयोगी का भी नाम लिया है और उसके बारे में और पड़ताल की जा रही है।
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में नूपुर शर्मा की टिप्पणियों के बाद देश भर में भारी विरोध का सामना करना ही पड़ा था, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नूपुर के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए सरकार पर काफ़ी दबाव पड़ा था। खाड़ी देशों द्वारा आधिकारिक तौर पर शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। बीजेपी इस मामले में बुरी तरह फँस गई थी। इसके बाद शर्मा को जून में भाजपा के प्रवक्ता के रूप में निलंबित कर दिया गया था।
इस मामले के बाद नूपुर के ख़िलाफ़ दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और असम में मामले दर्ज किए गए। अपनी जान पर ख़तरा बताते हुए 1 जुलाई को सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ने और उन्हें दिल्ली में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।
19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर शर्मा को पैगंबर पर उनकी टिप्पणियों को लेकर उनके ख़िलाफ़ नौ मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने दलील दी थी कि 1 जुलाई के आदेश के बाद अजमेर दरगाह के एक कर्मचारी ने वीडियो पर उनका गला काटने की धमकी दी और उत्तर प्रदेश के एक अन्य निवासी ने उन्हें गाली दी और सिर काटने की धमकी दी।
नूपुर ने याचिका में कहा था कि उनकी जान को ख़तरा है और ऐसे में अलग-अलग राज्यों में मामलों की सुनवाई के लिए जाने से यह ख़तरा और ज़्यादा रहेगा। दो दिन पहले इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ देश भर में दर्ज सभी 10 मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया। अदालत ने राहत देते हुए कहा है कि नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ दर्ज सभी केसों को एक किया जाता है ताकि उन्हें उन केसों में अपना बचाव करने के लिए अलग-अलग राज्यों में जाने की ज़रूरत न पड़े।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, 'चूंकि यह अदालत पहले ही याचिकाकर्ता के जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरे का संज्ञान ले चुकी है, हम निर्देश देते हैं कि नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ सभी प्राथमिकी को स्थानांतरित किया जाए और दिल्ली पुलिस को जांच के लिए जोड़ा जाए।'
अपनी राय बतायें