उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीएसपी और अन्य दलों से आने वाले नेताओं को पार्टी में शामिल करने के काम में जुटे हैं। रविवार को अंबेडकर नगर में हुई जनादेश रैली में लालजी वर्मा और राम अचल राजभर सपा में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि इससे पूर्वांचल में सपा को काफ़ी मदद मिलेगी। इसके साथ ही अखिलेश छोटे दलों को जोड़कर मज़बूत गठबंधन भी बना रहे हैं।
लालजी वर्मा और राम अचल राजभर मायावती के क़रीबी नेताओं में शुमार थे। वर्मा कुर्मियों के बड़े नेता हैं और उनके आने से सपा को इस वर्ग के जबकि रामअचल राजभर के आने से पार्टी को राजभर समुदाय के वोट मिलेंगे।
अंबेडकर नगर की इस रैली को लेकर राजनीतिक विश्लेषक शीतल पी. सिंह ने ‘सत्य हिन्दी’ के कार्यक्रम में कहा कि वर्मा और राजभर के सपा में आने से पूर्वांचल के कई जिलों में इसका असर होगा और पिछड़े अगर लामबंद रहे तो भाजपा के लिए चुनावों में आशावर्धक संभावनाएं नहीं रह जाएंगी। उन्होंने कहा कि महंगाई यहां एक बड़ा मुद्दा है और लोग इस पर काफी मुखर हैं। इसके अलावा बेरोज़गारी भी बड़ा मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि महंगाई का मुद्दा पूर्वांचल में सरकार के ख़िलाफ़ जाता नज़र आ रहा है और अगर यह बात गहराई तक गई तो यह सिर्फ़ 2022 तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि 2024 तक जाएगी।
‘बाक़ी जातियों को ला रही साथ’
समाजवादी विचारक रंजीव ने कहा कि सपा के साथ यह दिक्क़त थी कि वह पिछड़ी जातियों की बात तो करती थी लेकिन उसकी पहचान ऐसी बनती जा रही थी कि वह सिर्फ़ यादवों को साथ लेकर चल रही है। लेकिन अब सपा ओबीसी की बाक़ी जातियों को भी साथ लाने का काम कर रही है और इसमें उसे सफलता भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव पूर्वांचल पर केंद्रित हो रहा है।
‘पिछड़ों के साथ धोखा’
रैली को लेकर दलित चिंतक प्रोफ़ेसर रविकांत ने कहा कि रैली में आए दलितों-पिछड़ों ने अखिलेश यादव का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को प्रोजेक्ट कर पिछड़ों के साथ धोखा किया है। प्रोफ़ेसर रविकांत ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति पूर्वांचल केंद्रित हो गई है।
कई नेता शामिल
इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, उनके बेटे पंकज मलिक सपा में शामिल हो गए थे। बीएसपी से निलंबित छह विधायक- हरगोविंद भार्गव, हाजी मुज़तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, मोहम्मद असलम राइनी, सुषमा पटेल और असलम अली सपा में शामिल हो गए थे।
छोटे दलों को जोड़ रहे अखिलेश
अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले कहा था कि रालोद के साथ सीटों का समझौता फ़ाइनल होने वाला है। वह अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ गठबंधन करने की भी बात कह चुके हैं। महान दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ वह गठबंधन कर चुके हैं।
किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी की घटना के कारण किसानों और विपक्ष का जबरदस्त विरोध झेल रही भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा सियासी नुक़सान होने की बात कही जा रही है। लेकिन अगर पूर्वांचल में भी उसे सपा से तगड़ी चुनौती मिलती है तो उसका सत्ता में आना मुश्किल हो सकता है। दूसरी ओर बसपा उसके ब्राह्मण वोट बैंक में सेंध लगा रही है तो कांग्रेस लगातार महिलाओं को अपनी ओर खींचने की कोशिशों में जुटी है।
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