उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीजेपी की रैली और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के जाने से पहले साफ सफाई के नाम पर वहाँ लंबे समय से बड़ी तादाद में मौजूद झुग्गी-झोपड़ियों को हटा दिया गया है।
इसके पहले न तो इन झुग्गियों में रहने वालों को किसी तरह की नोटिस दी गई, न ही किसी वैकल्पिक जगह के बारे में कुछ कहा गया। बस, प्रशासन ने उन्हें वहाँ से हटा दिया, जिससे लोग बेघर हो गए हैं और छोटे बच्चों व महिलाओं-बुजुर्गों के साथ खुले में ठंडी रात में रहने को मजबूर हैं।
'जन ज्वार' के मुताबिक, जहां रैली रखी गई थी, उस मैदान में जेसीबी लगा कर लोगों के घर उजाड़ दिए गए, इससे सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। एक प्रभावित व्यक्ति ने कहा,
“
मैं राजस्थान से यहाँ आकर किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहा था, अब मैं क्या करूंगा, कहां जाँऊंगा, यह सवाल है, मेरा मन दुखी है।
भीम, कानपुर निवासी
बीजेपी के वोटर
भीम नाम का यह व्यक्ति बात करते हुए रोने लगा और कहा, "यह सरकार किसी काम की नहीं है।"
एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, "मैं अब तक इन्हें ही वोट देता आया हूं, यह सरकार बनाने में हमारी भी भूमिका है, पर अब हमें ही निशाना बनाया जा रहा है, हमें यहां से हटाया जा रहा है, ऐसे में हम इस बार इनकी मदद नहीं कर पाएंगे।"
एक तीसरे आदमी ने 'जन ज्वार' से कहा, "सरकार कहती है, सबका साथ, सबका विश्वास। लेकिन हमें यहां से हटा दे रही है, ऐसे में हम इनके बारे में क्या सोचें?"
एक महिला ने कहा, "पुलिस वाले आए और हमसे कहा कि यहां से चले जाओ, हम जाड़े में इन छोटे छोटे बच्चों को लेकर कहाँ जाएं, लेकिन यह कहने पर महिला पुलिस ने मुझे पीटा।"
क्या कहना है बीजेपी का?
दूसरी ओर, बीजेपी के स्थानीय पार्षद गिरीश चंद्र ने कहा, "बीजेपी गरीबों की पार्टी है, हम ग़रीबों के लिए काम करते हैं, हमारी सरकार गरीबों की सरकार है। किसी को हटाया नहीं जा रहा है, हम इनके पुनर्वास की व्यवस्था कर रहे हैं, जहां रेहड़ी पटरी वाले काम करते हैं, ये भी वहीं चले जाएं।"
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