loader

श्रीकांत त्यागी मामला: बीजेपी के लिए खड़ी हुई मुसीबत

नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला से अभद्रता करने वाले श्रीकांत त्यागी का प्रकरण बीजेपी के लिए मुसीबत बन गया है। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए श्रीकांत त्यागी पर 25000 रुपये का इनाम घोषित किया था और ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में स्थित उसके फ्लैट के बाहर बने अवैध निर्माण पर नोएडा प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया था। साथ ही त्यागी के खिलाफ गैंगस्टर भी लगा दिया था। 

लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी ताकतवर हैसियत रखने वाला त्यागी समाज इसे लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से बेहद नाराज है। त्यागी समाज का कहना है कि श्रीकांत त्यागी ने जितना गलत किया उससे ज्यादा सजा उन्हें और उनके परिवार को दी जा चुकी है। 

ताज़ा ख़बरें

प्रदर्शन का एलान

त्यागी समाज के कई गांवों में ‘बीजेपी नेताओं का आना मना है’ जैसे पोस्टर लगा दिए गए हैं। त्यागी समाज के लोगों ने नोएडा में स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। उन्होंने एलान किया है कि 21 अगस्त को वे लोग पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश से ट्रैक्टर ट्रॉली लाकर नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

याद दिलाना होगा कि श्रीकांत त्यागी के द्वारा महिला से अभद्रता करने के बाद जब त्यागी के समर्थक ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में घुस गए थे तो वहां पहुंचे सांसद डॉ. महेश शर्मा को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था।
उसके बाद डॉ. महेश शर्मा का एक वीडियो आया था जिसमें वह नोएडा कमिश्नर के खिलाफ नाराजगी जताते हुए और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी से यह कहते हुए सुनाई दिए थे कि उन्हें इस बात की शर्मिंदगी है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है।
Shrikant Tyagi case protest against BJP MP mahesh sharma - Satya Hindi

पंचायत कर रहा त्यागी समाज

श्रीकांत त्यागी प्रकरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गांवों से त्यागी समाज की बैठकों और पंचायतों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। समाज के लोगों को कहना है कि क्या श्रीकांत त्यागी की पत्नी और उसके बच्चों का कोई मानवाधिकार नहीं है। उनका आरोप है कि पुलिस ने 3 दिन तक श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी को परेशान किया। श्रीकांत त्यागी का जो वीडियो वायरल हुआ था उसमें उसने जिस महिला से अभद्रता की थी वह वैश्य समाज की हैं। 

वैश्य समाज नाराज

श्रीकांत त्यागी ने उस महिला के पति की जाति का नाम लेकर उसे गाली भी दी थी। इसे लेकर वैश्य समाज के लोग भी नाराज हैं और उनका कहना है कि श्रीकांत त्यागी ने उनकी जाति को गाली क्यों दी। वह महिला मेरठ से बीजेपी के सांसद राजेंद्र अग्रवाल की रिश्तेदार भी हैं। 

यहां बताना होगा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई विधानसभाओं में त्यागी समाज की अच्छी-खासी उपस्थिति है। गाजियाबाद से लेकर मुरादनगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, हरिद्वार तक त्यागी समाज के लोग खेती-किसानी और सियासत में जाने पहचाने चेहरे हैं।

त्यागी समाज को बीजेपी का बड़ा समर्थक माना जाता है। ऐसे में बीजेपी को डर इस बात का है कि त्यागी समाज ने जिस तरह स्थानीय बीजेपी सांसद डॉ. महेश शर्मा और पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, वह कहीं उसके लिए भारी न पड़ जाए। 

रसूखदार है त्यागी

कुछ खबरों में यह भी कहा गया है कि यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दरबार तक पहुंच गया है। बताना होगा कि श्रीकांत त्यागी की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित तमाम बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें हैं। 

Shrikant Tyagi case protest against BJP MP mahesh sharma - Satya Hindi
गौतम बुद्ध नगर में श्रीकांत त्यागी का अच्छा खासा रसूख है और उसके पास उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कई सरकारी ठेके हैं और बड़ी संख्या में दुकानें भी हैं। उसके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे लंबे समय तक पुलिस की सुरक्षा मिली हुई थी। 
उत्तर प्रदेश से और खबरें

कैसे शांत होगा मामला?

इस मामले में त्यागी और वैश्य समाज के आमने-सामने आने के बाद मामले को शांत करने की तमाम कोशिशें चल रही हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर कहा है कि इसे दो समाजों के आमने-सामने आने का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। 

अब चूंकि त्यागी समाज ने 21 अगस्त को नोएडा में महापंचायत का एलान कर दिया है ऐसे में बीजेपी के लिए मुश्किल काफी बढ़ गई है। अगर आने वाले दिनों में त्यागी समाज ने डॉ. महेश शर्मा का विरोध जारी रखा तो निश्चित रूप से शर्मा के साथ ही बीजेपी के लिए भी बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें