प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को सीतापुर जेल में बंद सपा के दिग्गज नेता आज़म खान से मुलाकात की। मुलाकात के बाद शिवपाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि समाजवादी पार्टी आज़म खान की मदद करते हुए या उनके लिए संघर्ष करते हुए नहीं दिख रही है और यह दुर्भाग्य की बात है।
शिवपाल की आज़म खान से मुलाकात इसलिए अहम है क्योंकि बीते कई दिनों से शिवपाल सिंह यादव के सपा छोड़ने की अटकलें जोरों पर है।
इसके साथ ही आज़म खान के समर्थक सपा मुखिया अखिलेश यादव से खुलकर नाराजगी जता रहे हैं।
शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी को आज़म खान की मदद करनी चाहिए थी। आज़म खान के मामले को लोकसभा में भी उठाना उठाया जाना चाहिए था लेकिन नहीं उठाया गया।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल ने कहा कि आज़म खान के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज़म खान बहुत वरिष्ठ नेता है और 10 बार चुनाव जीत चुके हैं।
शिवपाल ने यह भी कहा कि वह आज़म खान के साथ हैं और आज़म खान भी उनके साथ हैं।
शिवपाल ने गुरुवार को ही अखिलेश यादव को उन्हें पार्टी से बाहर कर देने की चुनौती दी थी। ऐसा कह कर एक तरह से शिवपाल ने अपने बगावती तेवरों को जाहिर कर दिया था।
जेल में बंद हैं आज़म
आज़म खान के ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं और वह पिछले 2 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर लगातार आरोप लगता रहा है कि उन्होंने आज़म खान के रिहाई के मसले को कभी भी गंभीरता से नहीं उठाया। आज़म खान के समर्थकों ने भी खुलकर कहा है कि अखिलेश यादव मुसलमानों के तमाम जरूरी मसलों पर खामोशी ओढ़े हुए हैं और कई नेताओं ने आज़म के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
शिवपाल सिंह यादव को लेकर इस बात की मजबूत चर्चा है कि वह बहुत जल्द बीजेपी का दामन थाम लेंगे। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से यह सपा के लिए बड़ा झटका होगा क्योंकि शिवपाल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहने के साथ ही कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं और दिग्गज नेता की पहचान भी रखते हैं।
अखिलेश को झटका देंगे आज़म?
शिवपाल ने कहा है कि वह और आज़म खान साथ हैं, ऐसे में अगर शिवपाल ने सपा का साथ छोड़ा तो आज़म खान और उनका परिवार भी क्या अखिलेश यादव को कोई बड़ा झटका देगा, यही सवाल आज़म खान के शहर रामपुर से लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक लोगों की जुबां पर है।
मुसीबत में हैं अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुश्किलें इन दिनों बढ़ी हुई हैं। गुरुवार को ही पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के भतीजे प्रमोद मौर्य ने अखिलेश यादव को जातिवादी नेता बताते हुए उन पर तमाम गंभीर आरोप लगाए थे। दूसरी ओर, बीजेपी अखिलेश यादव के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर पर भी डोरे डाल रही है।
ऐसे में अखिलेश यादव के सामने चुनौतियां बहुत ज्यादा हैं और वह कैसे इन चुनौतियों का सामना करेंगे यह सवाल भी उत्तर प्रदेश की सियासत में तैर रहा है।
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