शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को अपने भतीजे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया है। लंबे वक्त से अखिलेश से नाराजगी की खबरों के बीच शिवपाल ने ट्वीट कर अपनी बात कही है। शिवपाल ने कहा, “अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया! इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी! हमने उसे चलना सिखाया…और वो हमें रौंदते चला गया…।”
इसके साथ ही उन्होंने लोगों को ईद की मुबारकबाद भी दी है।
शिवपाल सिंह यादव ने कुछ दिन पहले सीतापुर जेल में बंद सपा के दिग्गज नेता आज़म ख़ान से मुलाकात की थी और कहा था कि समाजवादी पार्टी आज़म ख़ान की मदद करते हुए या उनके लिए संघर्ष करते हुए नहीं दिख रही है और यह दुर्भाग्य की बात है।
शिवपाल और आज़म ख़ान को लेकर यह चर्चा है कि दोनों ही नेता जल्द ही सपा को अलविदा कह कर कोई नई सियासी राह चुन सकते हैं।
बता दें कि बीते कई दिनों से आज़म ख़ान के समर्थक सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं।
आज़म के बेटे का ट्वीट
मंगलवार को ही आज़म ख़ान के विधायक बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म ख़ान ने ट्वीट कर अपनी बात कही। अब्दुल्ला ने कहा, “तू छोड़ रहा है, तो ख़ता इसमें तेरी क्या, हर शख़्स मेरा साथ, निभा भी नहीं सकता। वैसे तो एक आँसू ही बहा के मुझे ले जाए, ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल ने बीते दिनों कहा था कि वह आज़म ख़ान के साथ हैं और आज़म ख़ान भी उनके साथ हैं। शिवपाल ने अखिलेश यादव को उन्हें पार्टी से बाहर करने की चुनौती दी थी और ऐसा कह कर उन्होंने अपने बगावती तेवरों को जाहिर कर दिया था।
शिवपाल के बीजेपी के साथ जाने की चर्चाओं के बीच अखिलेश यादव ने कहा था कि आखिर बीजेपी शिवपाल को अपने साथ लेने में देर क्यों कर रही है।
अगर शिवपाल सिंह यादव और आज़म ख़ान उत्तर प्रदेश में कोई नया सियासी मोर्चा खड़ा करते हैं तो यह निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा। क्योंकि इन दोनों ही नेताओं ने उत्तर प्रदेश में सपा को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
आज़म ख़ान और शिवपाल दोनों ही उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और दोनों ही नेता कई बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं।
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