कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में सरकार की ओर से हालात के सामान्य होने के दावों के बीच बरेली से सांसद और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के एक पत्र से खलबली का माहौल है। गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि बरेली में ऑक्सीजन की कमी है और वेंटिलेटर्स सहित कई चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी हो रही है। गंगवार का यह पत्र निश्चित रूप से गंभीर है क्योंकि वह कई बार के सांसद हैं और बेहद संजीदा राजनेता माने जाते हैं।
गंगवार ने पत्र में लिखा है कि स्वास्थ्य विभाग के अफ़सर फ़ोन नहीं उठाते, जिससे कोरोना के मरीजों के लिए हालात मुश्किल बनते जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि बरेली के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट्स और कोरोना के मरीजों को रेफ़र किए जाने की प्रक्रिया को और सरल बनाए जाने की ज़रूरत है। बरेली में बीते कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है और एक्टिव मामलों की संख्या 6,387 हो गयी है।
इस पत्र के बारे में पूछे जाने पर गंगवार ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें आम लोगों की ओर से कुछ सुझाव मिले थे और उन्होंने सिर्फ़ इन सुझावों को मुख्यमंत्री तक भेजा है।
योगी ने कहा था अफ़वाह
याद दिला दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने की बात को नकारा था और कहा था कि जो लोग इसे लेकर अफ़वाह फैला रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ संपत्ति जब्त करने सहित अन्य सख़्त क़दम उठाए जाएंगे।
योगी ने अफ़सरों से यह भी कहा था कि इस तरह की अफ़वाहें फ़ैलाने वालों के ख़िलाफ़ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया था कि कालाबाज़ारी और जमाखोरी दो बड़े मुद्दे हैं और सरकार इन पर सख़्ती से अमल करेगी।
प्रियंका ने दी थी चुनौती
योगी के इस बयान पर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रतिक्रिया दी थी। प्रियंका ने कहा था कि पूरे राज्य में ऑक्सीजन इमरजेंसी जैसी स्थिति है। प्रियंका ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज करना चाहें तो वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन उन्हें हालात को देखते हुए लोगों की जान बचानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 23,333 नए मामले सामने आए हैं और इस दौरान 34,636 मरीज ठीक हुए हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और आगरा इस संक्रमण से खासे प्रभावित हैं। राज्य सरकार का दावा है कि प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है और ऑक्सीजन बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक़, राज्य में अब तक 1,09,37,928 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा पहली डोज लेने वाले लोगों में से 27,84,232 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है।
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