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यूपी में लव जिहाद, धर्मांतरण रोकने की बात क्यों कहने लगे भागवत?

यूपी में पहुँचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लव जिहाद, धर्मांतरण और लैंड जिहाद का मुद्दा छेड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं और इस पर उन्होंने चिंता भी जताई। संघ प्रमुख ने अपने लोगों से कहा कि इसको रोकने के लिए तेजी से और आक्रामक ढंग से अभियान चलाने की ज़रूरत है।

वैसे, मोहन भागवत का यह अभियान उस राज्य के लिए है जहाँ डबल इंजन की सरकार है। केंद्र में तो साढ़े नौ साल से मोदी सरकार है ही, यूपी में भी योगी आदित्यनाथ की सरकार साढ़े छह साल से ज़्यादा समय से है। इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म परिवर्तन और 'लव जिहाद' की घटनाओं में वृद्धि पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है। सवाल है कि डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी ऐसा कैसे हो रहा है?

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वैसे, इस सवाल का जवाब तो मोहन भागवत ही दे सकते हैं। उन्होंने अपने बयान में क्या कहा है, उसकी चर्चा बाद में, पहले यह जान लें कि आखिर लव जिहाद और लैंड जिहाद का मामला क्या है। वैसे, दक्षिणपंथी विचारधारा वाले मानते हैं कि मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर और झाँसा देकर जो शादी करने के मामले आते हैं, वह लव जिहाद है। कुछ लोग मुस्लिम धर्म में हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कराने के लिए शादी करने को लव जिहाद नाम देते हैं। हालाँकि, इस मामले में जब सरकार से आँकड़े मांगे जाते रहे कि देश में लव जिहाद के मामले कितने आए हैं तो लंबे समय तक सरकार एक भी आँकड़े नहीं दे पाई। 

इसी तरह से अब लैंड जिहाद यानी जमीन जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस शब्द से दक्षिणपंथी विचारधारा वालों का मानना है कि मजार, मस्जिदें बनाने के नाम पर मुस्लिम जमीनों पर कब्जे करते जा रहे हैं। हाल के कुछ महीनों में उत्तराखंड में ऐसा विवाद खूब बढ़ा था। 

अब इसको लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुद्दा उठाया। उन्होंने लखनऊ में रविवार को संघ पदाधिकारियों से इन मुद्दों को आक्रामक तरीके से लोगों के सामने उठाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उन पर अंकुश लगाया जाए।
लखनऊ में अवध क्षेत्र की एक संगठनात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए भागवत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में धर्मांतरण का ख़तरा अधिक गहरा लगता है, जो गंभीर चिंता का कारण है।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से कहा, 'हमें विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है जहाँ राष्ट्रविरोधी और असामाजिक तत्व सक्रिय हैं।'

वैसे बढ़ते धर्मांतरण का मुद्दा कई वर्षों से संघ के एजेंडे में शीर्ष पर रहा है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सहित बीजेपी शासित कई राज्यों में लव जिहाद विरोधी क़ानून बनाए गए हैं। 

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जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में आरएसएस के अधिकारी ने कहा, 'नेपाल की सीमा से लगे यूपी के ग्रामीण इलाकों में लैंड जिहाद नयी गतिविधि है। लोग वहाँ मस्जिद, मजार और दरगाह बनाने के लिए हिंदुओं की ज़मीनें हड़प रहे हैं।' इस बीच लैंड जिहाद, लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई। संघ पहले से ही ऐसी गतिविधियों के ख़िलाफ़ जन जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। अब इस जागरूकता कार्यक्रम को और तेज चलाने का फ़ैसला लिया गया है। 

आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि भागवत ने विभिन्न वर्गों के लोगों तक पहुंचने पर जोर दिया, जो अपना काम करने के अलावा, राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ को विभिन्न सकारात्मक गतिविधियों को गति देने के लिए ऐसे लोगों को शामिल करने की जरूरत है।

उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से युवा पीढ़ी के बीच संघ के विचारों और मूल्यों को फैलाने के लिए सक्रिय रूप से काम करने को कहा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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