अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद भी इस पर राजनीति थम नहीं रही है, न ही राम के राजनीतिक इस्तेमाल की कोशिश। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इसमें अभी भी अपना राजनीतिक भविष्य दिखता है। ऐसे में कोई आश्चर्य की बात नहीं कि बीजेपी के तीन सांसद-परवेश साहेब सिंह वर्मा, मनोज तिवारी और रवि किशन आगे बढ़ कर भव्य राम लीला का आयोजन कर रहे हैं।
इस रामलीला पर 4 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका आयोजन जो मेरी माँ फ़ाउंडेशन कर रहा है, उसके कर्ताधर्ता बीजेपी के सासंसद परवेश सिंह वर्मा हैं। वर्मा साहब का नाम पिछली बार सुर्खियों में तब आया था, जब उन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग के आन्दोलनकारियों के बारे में कहा था कि ये लोग वहां से निकल कर आम लोगों के घरों में घुसेंगे और बलात्कार करेंगे।
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मनोज तिवारी, रवि किशन
अयोध्या के सरयू तट पर जो राम लीला होगी, उसमें भोजपुरी कलाकार और बीजेपी सांसद रवि किशन और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी मुख्य आकर्षण होंगे। मनोज तिवारी अंगद की भूमिका में होंगे तो रवि किशन भरत का रोल करेंगे। विन्दु दारा सिंह हनुमान बनेंगे तो रज़ा मुराद अहिराणव की भूमिका में होंगे। हास्य कलाकार असरानी नारद मुनि की भूमिका में लोगों को दिखेंगे।इतना ही नहीं, फ़िल्म अभिनेता शहबाज़ ख़ान रावण का रोल करेंगे तो रितु शिवपुरी कैकेयी की भूमिका में होंगी, राकेश बेदी विभीषण बनेंगे। फ़िल्म कलाकारों की यह लंबी सूची राम लीला को बेहद आकर्षक बनाएगी ताकि लाखों की तादाद में लोग इसे देखें।
टेलीविज़न पर लाइव
मेरी माँ फ़ाउंडेशन के सुभाष मलिक ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'कोविड-19 की वजह से दर्शकों को सरयू तट पर आने की अनुमति नहीं होगी। पूरे कार्यक्रम को टेलीविजन और सोशल मीडिया पर दिखाया जाएगा। लोग अपने घरों में बैठ कर इसे लाइव देख सकेंगे।'इसके पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हिन्दुओं से जुड़े उत्सव सरकारी खर्च पर और बड़े पैमाने पर कर चुकी है। पिछले साल दीवाली के मौके पर सरयू के तट पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन राज्य सरकार ने किया था।
अयोध्या में सरयू के तट पर 26, अक्टूबर, 2019 को दिवाली से एक दिन पहले लाखों दीयों की रोशनी जगमगा उठी थी। 'दीपोत्सव' के मौके पर 5.51 लाख ‘दीये’ जलाए गए थे। इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था। यह भी दावा किया गया था कि एक साथ एक जगह इतने सारे दीये जलाने का यह विश्व रिकॉर्ड है। इस पर करोड़ रुपए खर्च हुए थे और वह राज्य सरकार ने किए थे।
इसके अलाना अयोध्या में भगवान श्रीराम के लीला चरित्र से जुड़ी विभिन्न झांकियों समेत भव्य शोभायात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर रामकथा पार्क में खत्म हुई थी। इसमें कई देशों के कलाकारों ने भाग लिया था।
इस बार अयोध्या में हालांकि इस राम लीला का आयोजन उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं कर रही है, पर सारा सबकुछ बीजेपी कर रही है। बीजेपी शायद राम पर होने वाली राजनीति को बऱकरार रखना चाहती है।
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