हाथरस में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई दलित लड़की की मौत के विरोध में कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी का उत्तर प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन जारी है। बुधवार को भी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इन राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और योगी सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन लगातार जारी है। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) और भीम आर्मी ने भी दिल्ली के इंडिया गेट पर पीड़िता की मौत के विरोध में प्रदर्शन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे लेकर योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। सोनिया ने बुधवार रात को एक वीडियो संदेश में कहा, ‘क्या क्या ग़रीब की लड़की होना गुनाह है।’ उन्होंने कहा कि समय पर उस बच्ची को सही इलाज नहीं दिया गया। उन्होंने हमलावर अंदाज में कहा, ‘हाथरस की बेटी की मौत नहीं हुई है, एक निष्ठुर सरकार द्वारा उसे मारा गया है। मौत के बाद उसे अपने घर की मिट्टी व हल्दी भी नसीब नहीं होने दी और उसे उसके परिवार को नहीं सौंपा गया।’
उन्होंने पूछा कि यह कैसा न्याय है, कैसी सरकार है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हाथरस में मासूम लड़की के साथ जो हैवानियत हुई, वो हमारे समाज पर कलंक है।
पीड़िता के शव को उसके घर तक नहीं जाने देने और जबरदस्ती जला दिए जाने के आरोपों का सामना कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस और योगी सरकार राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों और आम लोगों के निशाने पर भी है।
आम लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में आए दिन हो रही हत्याएं, बलात्कार, लूटपाट, अपहरण के कारण जंगलराज व्याप्त हो चुका है। खासकर दलित परिवारों के ऊपर योगी राज में अत्याचार चरम पर हैं और हाथरस की घटना में तो पुलिस पर अभियुक्तों को पूरी ताक़त लगाकर बचाने के आरोप लग रहे हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि आख़िर घटना के तुरंत बाद जब पीड़िता ने बलात्कार की बात कही थी तो क्यों 8 दिन बाद इससे जुड़ा मुक़दमा दर्ज किया गया।
‘कैसे मुख्यमंत्री हैं आप?’
बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता कई जगहों पर सड़कों पर उतरे और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमले किए। प्रियंका ने पूछा, ‘परिजनों से जबरदस्ती छीन कर पीड़िता के शव को जलवा देने का आदेश किसने दिया? पिछले 14 दिन से कहां सोए हुए थे आप? क्यों हरकत में नहीं आए? और कब तक चलेगा ये सब? कैसे मुख्यमंत्री हैं आप?’
अजय कुमार लल्लू ने सवाल पूछा है कि आख़िर महामहिम राज्यपाल खामोश क्यों हैं? उनकी चुप्पी का राज क्या है? प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी चुप क्यों है? आज देश रो रहा है। कौन जवाब देगा देश को? लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गद्दी छोड़ो, तुम्हें सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
पुलिस से हुई धक्का-मुक्की
लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अन्याय को संरक्षण दिया है और उन्हें इस्तीफ़ा देना होगा। उन्होंने कहा कि हाथरस की बेटी के साथ जो सरकारी अन्याय और बर्बरता हुई है उसको दलित-वंचित समाज भूलेगा नहीं। बनारस, ग़ाजीपुर, प्रतापगढ़ सहित कई जगहों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और इस दौरान उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुलिस के रवैये पर ट्वीट कर कहा, ‘हाथरस की पीड़िता का पहले कुछ वहशियों ने बलात्कार किया और कल पूरे सिस्टम ने बलात्कार किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है।’
‘अभियुक्तों को बचा रहे योगी’
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा, ‘हाथरस की घटना में जो कल घटित हुआ है उसके बाद मैं सीधा आरोप लगाता हूं, दरिंदों को बचाने का काम अगर कोई कर रहा है तो वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं।’
‘दलित के घर में पैदा होना ग़लती’
उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अफ़सर का पीड़ित के परिवार से यह कहते हुए वीडियो वायरल हो रहा है कि उन लोगों की भी ग़लती है। इस बयान को लेकर संजय सिंह ने कहा, ‘मैं पूछता हूं क्या गलती है परिवार की? वो दलित के घर में पैदा हुई ये ग़लती है? या उसका बलात्कार हुआ ये गलती है? उसकी जीभ काटी, गर्दन तोड़ी ये गलती है? आखिर क्या गलती है परिवार की योगी जी बताएं’
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एसपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज
हाथरस की हुई बेटी के लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर एसपी कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। लेकिन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। एसपी ने पूछा है, ‘मुख्यमंत्री के आदेश पर जबरन और परिवार को बिना बताए हैवानियत का शिकार बेटी का अंतिम संस्कार कराकर प्रशासन ने किसको बचाया?’ पार्टी ने कहा है कि अन्याय करने में बीजेपी सरकार किसी भी हद तक गिर सकती है।हाथरस में हैवानियत का शिकार हुई बेटी के लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर न्याय की मांग कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीचार्ज घोर निंदनीय! pic.twitter.com/blPmZOi4CI
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 30, 2020
‘रात में ही पीड़िता का शव जलाया’
हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी पुलिस की ज्यादतियां कम नहीं हो रही हैं। पुलिस पीड़िता के शव को लेकर मंगलवार रात को ही हाथरस पहुंच गयी और देर रात ढाई बजे बिना घरवालों की मौजूदगी के अंतिम संस्कार कर डाला। दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल के गेट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर के साथ शव के लिए धरना दे रहे पीड़िता के घरवालों को पता भी नहीं चला और शव को पुलिस ने हाथरस पहुंचाकर जला दिया। पीड़िता के परिजनों ने बुधवार सुबह आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की और अंतिम बार बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया।सरकार बोली- दुष्कर्म की पुष्टि नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि मृतक लड़की के साथ दुष्कर्म की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई है। बुरी तरह से पिटाई के बाद लकवाग्रस्त हो चुकी पीड़िता के शरीर पर आई गंभीर चोटों का भी जिक्र सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में नहीं किया गया है। ‘सत्य हिन्दी’ के पास मौजूद पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में उसे साफ दिख रही चोटों का जिक्र नहीं है बल्कि महज दुपट्टे से गला कसने का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में मृतका के शरीर व अंदरुनी अंगों में किसी तरह की चोट का जिक्र इस रिपोर्ट में नहीं है।
सिरे से नकार दिया बलात्कार को
पुलिस की ओर से ही उपलब्ध करायी गयी मेडिकल रिपोर्ट में और खुद आईजी जोन के बयान में बलात्कार को सिरे से नकार दिया गया है। आईजी जोन ने कहा है कि मृतका के साथ मारपीट हुई थी और पहले उन्ही धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। उनका कहना है कि बाद में मृतका ने छेड़खानी की बात कही तो धाराएं बढ़ायी गयीं। आईजी के मुताबिक़, घटना के कई दिनों के बाद मृतका ने चार लोगों द्वारा बलात्कार करने की बात कही जिसके बाद इन धाराओं को लगाया गया।
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