कांग्रेस और बीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गैंगस्टर विकास दुबे कांड की जाँच की माँग की है। दोनों दलों का यह बयान विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद आया है। इस मुठभेड़ को लेकर पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा कि अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या? बीएसपी नेता मायावती ने भी कहा है कि विकास दुबे के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।
प्रियंका गाँधी ने विकास दुबे कांड को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने इस मामले में वीडियो बयान जारी किया है। इस वीडियो के साथ ही उन्होंने ट्वीट कर प्रदेश में बढ़ते अपराध पर सवाल उठाए हैं।
उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2020
कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जाँच होनी चाहिए pic.twitter.com/vRHQlsaJ3y
प्रियंका ने जो ट्वीट किया है उसमें 2.04 मिनट का वीडियो भी है। इस वीडियो में प्रियंका ने कहा कि सारा देश देख रहा है कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को अपराध में बदल डाला। प्रियंका ने कहा, 'उनके अपने सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ बच्चों पर अपराध में नंबर एक पर हैं। दलितों पर अपराध में नंबर एक पर हैं। महिलाओं पर अपराध में नंबर एक पर हैं। अवैध असलहों और हथियारों के मामले में नंबर एक पर हैं। हत्याओं में नंबर एक पर हैं। अब यह प्रदेश की स्थिति है...।' इसके आगे उन्होंने प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए।
प्रियंका ने कहा, 'उप्र की क़ानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस स्थिति में विकास दुबे जैसे अपराधी फल-फुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके बड़े-बड़े व्यापार हैं, खुलेआम अपराध करते हैं। वह आरोप लगाती हैं कि 'पूरा प्रदेश जानता है कि इनका संरक्षण राजनीतिक सोर्सेस से होता है और जो सत्ता में हैं उनसे होता है, सब देख रहे हैं'। इसके बाद प्रियंका ने सवाल उठाया कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद जो आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं उनको कैसे भरोसा दिला सकते हैं कि उनको न्याय मिल रहा है, कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
2. यह उच्च-स्तरीय जाँच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2020
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