नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में धरना देने की कोशिश कर रहे लोगों को पुलिस ने बुधवार को खदेड़ दिया। यह घटना बिलारियागंज पुलिस स्टेशन इलाक़े में हुई। आज़मगढ़ पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने को लेकर 18 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है, इनमें एक महिला भी शामिल है।
मंगलवार रात को 11 बजे बिलारियागंज इलाक़े में 300 लोग एक पार्क में पहुंचे और नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में नारेबाज़ी शुरू कर दी। जब पुलिस को इस बारे में सूचना मिली तो पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौक़े पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को क़ानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन जारी रखा। ख़बरों के मुताबिक़, सुबह 4.30 बजे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिये आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। एनडीटीवी के मुताबिक़, आज़मगढ़ के एसपी त्रिवेणी सिंह ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन को बंद करने की अपील की लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने कहा कि इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर धरने चल रहे हैं। कुछ दिन पहले लखनऊ के घंटाघर में इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया था कि
पुलिस ने उनके कंबल छीन लिये। तब इसे लेकर ख़ासा हंगामा भी हुआ था। इस क़ानून के विरोध में सबसे ज़्यादा प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में ही हुए और कई जगहों पर ये प्रदर्शन हिंसक हो गये थे। कार्रवाई के नाम पर उत्तर प्रदेश की पुलिस पर ज्यादती करने के आरोप लगे थे।
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