उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने के बाद भी योगी सरकार के गठन में इतना वक्त क्यों लग रहा है। क्या बीजेपी को सहयोगी दलों को मनाने में मुश्किलें आ रही हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने 2017 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था और वह 2 साल तक योगी सरकार में मंत्री रहे थे। अगर राजभर एनडीए में लौटते हैं तो यह सपा गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा।
यूपी में अब एमएलसी चुनाव होने वाले हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 14 यादवों को मैदान में उतार दिया है, जबकि मात्र दो मुसलमानों को टिकट दिया है। सपा पर पहले भी यादव पार्टी होने का आरोप लगा था लेकिन तब अखिलेश ने इसे नई सपा बताया था।
बुलंदशहर के स्याना में 2018 में गोवंश के कुछ अवशेष मिलने पर हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने पुलिस चौकी व वहाँ खड़े दर्जनों वाहनों को फूँक डाला था और इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी थी।
पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आए तो पता चला कि तमाम गंभीर मुद्दे गौण हो गए और जनता ने भावनाओं में बहकर मतदान किया। लेकिन क्या इससे वो मुद्दे खत्म हो गए। जानिए ये सब क्यों हुआ।
विपक्ष में ऐसा कोई नेता नजर नहीं आ रहा है जो पीएम मोदी को चुनौती दे सके। हालांकि कई लोग गोलबंद हो रहे हैं या विपक्ष का एकजुटता अभियान चला रहे हैं, लेकिन बात बन नहीं पा रही है।
यूपी चुनाव के नतीजों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सीखने के लिए बहुत कुछ है। बशर्तें कि वे सीखें। अगर वो फिर चार साल निष्क्रिय हो गए या विदेश घूमने निकल गए तो पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह टूट जाएगा।