यूपी विधानसभा में आज बुधवार को पेश किए गए बजट से ज्यादा सपा प्रमुख अखिलेश यादव के शेरवानी की चर्चा रही। कुछ लोगों ने इसे मुसलमानों को खुश करने से जोड़ा, कुछ ने आजम खान के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए। यूपी के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की बुल्डोजर नीति पर उन्होंने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए सवाल पूछा था। इस गाने पर अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें एक नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा है।
लोकप्रिय भोजपुरी गायिका नेहा राठौर ने एक गाने में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सवाल उठाया तो यूपी पुलिस ने उनके वायरल सॉन्ग पर नोटिस भेज दिया है। उनसे तीन दिनों में जवाब मांगा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य 24 फरवरी को इस अभियान की शुरुआत करेंगे। ओबीसी के मौर्य समुदाय से आने वाले नेता स्वामी प्रसाद इस अभियान का जरूरी हिस्सा बताए जा रहे हैं।
यूपी विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत सोमवार 20 जनवरी को हंगामेदार रही। सपा और रालोद के विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। सदन में गवर्नर वापस जाओ के नारे लगे।
यूपी में सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम मतदाता सूची से भी हटा दिया गया है। बीजेपी विधायक ने इसकी मांग राज्य के चुनाव विभाग से की थी। चुनाव अधिकारी ने फौरन कार्रवाई कर दी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कल बुधवार को होटल में महंत राजूदास और उनके समर्थकों के बीच मारपीट को ओबीसी बनाम सवर्ण मुद्दा बना दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी वाले मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं। यह सब तब से हो रहा है जब से मैंने राम चरित मानस की दलित और महिला विरोधी चौपाई की निन्दा की है।
रामचरितमानस पर टिप्पणी से शुरू हुआ मामला अब हिंसा तक पहुँच चुका है। जानिए, आख़िर क्यों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और संत राजू दास परमहंस में कथित हाथापाई हो गई।
पीड़ित परिवार की तरफ से 5 करोड़ के मुआवजा, घर के दो सदस्यों की सरकारी नौकरी, परिवार को आजीवन पेंशन, मृतक के दोनों बेटों को सरकार की तरफ से आवास की मांग की गई थी।
जनप्रतिनिधि अधिनियम के प्रावधान दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाया कोई व्यक्ति किसी भी सदन का सदस्य नहीं रह सकता। इसी प्रावधान के तहत ही अबदुल्ला आजम को अपनी विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी है।
मामले में कुल 42 लोगों पर 302, 307,436,429,323,34 धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया गया है। एसडीएम पर कार्रवाई करते हुए उनको तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है, जबकि लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सुनवाई के बाद बाकी सभी लोगों को दोषमुक्त करार देकर छोड़ दिया गया है जबकि आजम खान और बेटे को दो साल की सजा सुनाई गई है। अब्दुल्ला, इससे पहले 2017 के विधानसभा में भी अपनी विधायकी गंवा चुके हैं।
गोपाल कृष्ण और शिवम का आरोप है कि अशोक, अनिल, पुतन, बड़े, गेंदन उनके घर में आग लगा कर वहां से भाग गये। पीड़ित परिवार का कहना है अवैध कब्जे की बार बार शिकायत कर तहसील प्रशासन से सांठ-गांठकर उनका घर गिरवा दिया।
जाति व्यवस्था को लेकर मोहन भागवत के बयान से क्या स्वामी प्रसाद मौर्य को ताक़त मिली है? जानिए उन्होंने खुद को शूद्र बताते हुए भागवत को क्या चुनौती दे दी।