पूर्व सांसद अतीक अहमद का एक पत्र सामने आया है, जिसमें कुछ सनसनीखेज जानकारी है। मारे जाने से पहले वो पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री और भारत के चीफ जस्टिस को भेजने को कहा था। अतीक के वकील विजय मिश्रा ने सत्य हिन्दी पर इस पत्र का खुलासा करके इस मामले में नया धमाका कर दिया है।
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के मामले में न्यायिक जाँच समिति गठित करने के बाद एसआईटी का गठन क्यों किया गया है? जानें क्या है वजह।
अतीक अहमद की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे और आख़िरकार हत्या कर भी दी गई। पुलिस की सुरक्षा में ही और लाइव कवरेज के दौरान ही। जानिए आख़िर क्यों पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
जिस प्रयागराज में उसकी हत्या हुई है, वहां सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है। इसको मद्देनजर रखते हुए प्रयागराज में धारा 144 के साथ इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है
पुलिस की मौजूदगी में और लाइव कवरेज के दौरान अतीक अहमद और अशरफ़ की गोली मारकर हत्या की वारदात ने झकझोर कर रख दिया है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें उन्होंने क्या-क्या कहा।
पुलिस की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या के बाद क्या राज्य में स्थिति सामान्य है? क्या हालात ख़राब होने का डर है? जानें यूपी सरकार, पुलिस ने क्या-क्या क़दम उठाए हैं।
अतीक अहमद के एनकाउंटर किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन हत्या कर दी गई। वह भी पुलिस की सुरक्षा में ही। आख़िर यह सब कैसे हुआ, घटनाक्रम क्या इशारा करता है और इसके कौन ज़िम्मेदार हैं?
उमेश पाल के मर्डर की योजना साबरमती जेल में बनी थी। गैंगस्टर अतीक अहमद ने पुलिस को दिए गए बयान में यह बात स्वीकार की है। पुलिस ने कोर्ट में जो रिमांड नोट पेश किया है, उसमें अतीक के हवाले से ये बात और कई अन्य तथ्य रखे गए हैं।
झांसी में हुए एनकाउंटर में मारे गए असद अहमद को दो गोलियां और गुलाम को एक गोली लगी। हालांकि यूपी पुलिस ने इसे बहुत बड़ा एनकाउंटर बताया था, जिसमें 59 राउंड गोली चलने की बात कही गई थी। इस एनकाउंटर में कोई पुलिस वाला घायल नहीं हुआ है।
पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और गुलाम के एनकाउंटर में पुलिस ने जो कहानी बताई है, इंडिया टुडे की ग्राउंड रिपोर्ट ने उस कहानी को पलट दिया है। इससे पुलिस की कहानी पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। जानिए क्या हैं तथ्यः