यूपी के कई शहरों में आज पुलिस ने कथित तौर पर पीएफआई से जुड़े लोगों को पकड़ा है। इनमें रिहाई मंच से जुड़े 72 साल के एडवोकेट मोहम्मद शोएब भी है। जिनकी तबियत इन दिनों खराब है।
आज़म खान ने अपनी हत्या की आशंका जताई है।आजम यूपी में हो रहे निकाय चुनाव के लिए रामपुर में पार्टी के प्रत्याशी का प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अतीक और अशरफ की तरह उनकी भी हत्या की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि दोनों भाइयों को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है। जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार, उन्हें हर दो दिन में चिकित्सा परीक्षण के लिए ले जाना पड़ता था।
यूपी पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एक युवक ने धमकी भरा संदेश अपनी प्रेमिका के पिता के मोबाइल नंबर से यूपी 112 (यूपी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र) को भेजा था। युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यूपी निकाय चुनाव में राजनीतिक दल निम्न स्तरीय चुनाव अभियान चला रहे हैं। बीजेपी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपने एक थीम सॉन्ग में टोंटी चोर तक कहा है। इसी तरह सपा ने बीजेपी को दंगा पार्टी कहा है। इस निम्नस्तरीय अभियान से लग रहा है कि किसी भी राजनीतिक दल के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को एक दिन पहले यानी 14 अप्रैल को भी कोर्ट परिसर में मारने की कोशिश हुई थी। नए तथ्य सामने आने से साफ पता चल रहा है कि यह लापरवाही थी या फिर जानबूझकर की गई लापरवाही थी। इतने दुर्दांत अपराधी का मूवमेंट शूटरों के पास था और पुलिस को हवा तक नहीं थी।
अतीक अशरफ डबल मर्डर में यूपी सरकार ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। समझा जाता है कि उसके संकेतों पर यह कार्रवाई हुई है। अतीक अशरफ का 15 अप्रैल को टीवी कैमरे के सामने मर्डर किया गया था।
जिस इलाके में यह घटना हुई है वह प्रयागराज का व्यस्ततम कटरा इलाका है जहां हर समय भीड़ रहती है। इसके अलावा प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है।
'भारी पुलिस बल' और मीडिया कर्मियों के कैमरे के सामने ही अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हत्यारे कौन हैं? क्या उन्होंने कुख्यात होने के लिए ऐसा किया?