पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को एक दिन पहले यानी 14 अप्रैल को भी कोर्ट परिसर में मारने की कोशिश हुई थी। नए तथ्य सामने आने से साफ पता चल रहा है कि यह लापरवाही थी या फिर जानबूझकर की गई लापरवाही थी। इतने दुर्दांत अपराधी का मूवमेंट शूटरों के पास था और पुलिस को हवा तक नहीं थी।
अतीक अशरफ डबल मर्डर में यूपी सरकार ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। समझा जाता है कि उसके संकेतों पर यह कार्रवाई हुई है। अतीक अशरफ का 15 अप्रैल को टीवी कैमरे के सामने मर्डर किया गया था।
जिस इलाके में यह घटना हुई है वह प्रयागराज का व्यस्ततम कटरा इलाका है जहां हर समय भीड़ रहती है। इसके अलावा प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है।
'भारी पुलिस बल' और मीडिया कर्मियों के कैमरे के सामने ही अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हत्यारे कौन हैं? क्या उन्होंने कुख्यात होने के लिए ऐसा किया?
पूर्व सांसद अतीक अहमद का एक पत्र सामने आया है, जिसमें कुछ सनसनीखेज जानकारी है। मारे जाने से पहले वो पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री और भारत के चीफ जस्टिस को भेजने को कहा था। अतीक के वकील विजय मिश्रा ने सत्य हिन्दी पर इस पत्र का खुलासा करके इस मामले में नया धमाका कर दिया है।
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के मामले में न्यायिक जाँच समिति गठित करने के बाद एसआईटी का गठन क्यों किया गया है? जानें क्या है वजह।
अतीक अहमद की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे और आख़िरकार हत्या कर भी दी गई। पुलिस की सुरक्षा में ही और लाइव कवरेज के दौरान ही। जानिए आख़िर क्यों पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
जिस प्रयागराज में उसकी हत्या हुई है, वहां सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है। इसको मद्देनजर रखते हुए प्रयागराज में धारा 144 के साथ इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है
पुलिस की मौजूदगी में और लाइव कवरेज के दौरान अतीक अहमद और अशरफ़ की गोली मारकर हत्या की वारदात ने झकझोर कर रख दिया है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें उन्होंने क्या-क्या कहा।
पुलिस की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या के बाद क्या राज्य में स्थिति सामान्य है? क्या हालात ख़राब होने का डर है? जानें यूपी सरकार, पुलिस ने क्या-क्या क़दम उठाए हैं।