उत्तर प्रदेश सरकार की एक परीक्षा में रिजर्वेशन कैटगरी का कट ऑफ़ सामान्य कैटगरी के कट ऑफ़ से ऊपर था, यानी सामान्य से ज़्यादा नंबर पर रिजर्वेशन वालों का चुनाव हुआ।
लोकसभा चुनावों में ख़राब प्रदर्शन के बाद सदमे से अखिलेश नहीं उबरे हैं, मायावती घर पर बैठकें कर रही हैं, लेकिन प्रियंका बीजेपी की तरह संगठन खड़ा करने में जुट गई हैं। क्या वह योगी को चुनौती दे पाएँगी?
उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर एंडी रोमियो स्क्वैड बनाने जा रही है। सवाल उठता है क्या इस बार भी महिला सुरक्षा के नाम पर महिलाओं को ही निशाना बनाया जाएगाँँ?
उत्तर प्रदेश सरकार एक ऐसा क़ानून बनाने की सोच रही है जिसमें किसी भी निजी विश्वविद्यालय में अगर कोई ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधि’ होती पाई गई तो ऐसे विवि की मान्यता रद्द हो सकती है। इसका क्या है मक़सद?
पहले चर्चा थी कि सपा मुखिया अखिलेश के चाचा शिवपाल की घर वापसी हो सकती है। शिवपाल के क़रीबियों की मानें तो उनकी पार्टी का अखिलेश की सपा से कोई मेल नहीं होगा। चुनावी हार के बाद भी आख़िर क्यों नहीं मिल पा रहे हैं दोनों?
कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मिली क़रारी हार की समीक्षा करने में जुटी हुई है। प्रियंका गाँधी ने कार्यकर्ताओं से 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी करने के लिए कहा है।
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा में कचहरी परिसर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। यादव तीन दिन पहले ही बार कौंसिल की अध्यक्ष चुनी गई थीं।
लोकसभा चुनावों में बुरी तरह पस्त होने के बाद भी प्रियंका ने हार नहीं मानी है। चुनाव नतीजे सामने आने के तीन दिनों के भीतर ही टीम प्रियंका के सदस्यों को काम पर लगा दिया गया है।
क्या अब उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा महागठबंधन टूट जाएगा? लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के ख़राब प्रदर्शन के बाद पहली बार मायावती की ओर से इसके संकेत मिले हैं।
यूपी में ऐसे नतीजे क्यों आए? कहीं इसलिए तो नहीं कि सपा-बसपा-रालोद जहाँ यादव, जाटव और मुसलिम बिरादरी के वोटों को सहेजने में आश्वस्त होकर बैठ गया वहीं बीजेपी ने 33 अन्य पिछड़ी व दलित जातियों को बटोरने का काम किया।