इटावा में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस ने भगा-भगा कर पीटा। मोबाइल फ़ोन से लिए गए फ़ुटेज में दिख रहा है कि पुलिस उनपर डंडे बरसा रही है।
पुलिस का कहना है कि नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान कई पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए हैं लेकिन वह इनके बारे में जानकारी देने से बच क्यों रही है।
क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर लगातार हमले झेल रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब दिल्ली, मुंबई की तर्ज पर सूबे के दो बड़े शहरों- लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर तैनात कर दिए हैं।
नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित किए जाने के बाद यह कहा जाने लगा है कि उन्होंने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश किया था, इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया। लेकिन मामला सेक्स-चैट का भी है। क्या है सच?
उत्तर प्रदेश पुलिस पर मुसलिम समुदाय के घरों में घुसकर उन्हें बेरहमी से पीटने के आरोप तो लग ही रहे हैं, अपने कई दावों को लेकर भी पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है।