संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद महानगरों से अपने गांवों की ओर लौट रहे दिहाड़ी मजदूरों पर ज्यादती करने वाले उत्तर प्रदेश के बदायूं के एक पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद अहम फ़ैसला लेते हुए एलान किया है कि सभी दिहाड़ी मजदूरों और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को हर महीने 1,000 रुपए की मदद दी जाएगी।
कोरोना के चलते उत्तर प्रदेश में वसूली, कुर्की की कार्रवाई पर उच्च न्यायालय ने रोक दी है। इन सबके बाद नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए विरोधी हिंसा के आरोपियों को नोटिस, कुर्की, वसूली, मुक़दमों का सिलसिला रुका नहीं है।
रिकवरी अध्यादेश के प्रावधान ऐसे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक कसौटी पर खरे नहीं उतरते। इसका एकमात्र मक़सद आम जनता में खौफ़ पैदा करना है और विरोध करने वालों की आवाज़ को दबाना है।
होर्डिंग मामले में योगी सरकार के वसूली अध्यादेश पर रविवार को इस पर राज्यपाल का हस्ताक्षर भी हो गया। संपत्ति नुक़सान पहुँचाने वाले को अब क्षतिपूर्ति देनी ही होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने क्लेम ट्रिब्यूनल भी बना दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य सहित कई बीजेपी नेताओं को दंगाई बताने वाले होर्डिंग लगाने पर कांग्रेस नेताओं को यूपी पुलिस ने रविवार तड़के गिरफ़्तार कर लिया। बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया।