हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एक और सहयोगी श्यामू बाजपेयी मुठभेड़ के बाद कानपुर में गिरफ़्तार कर लिया गया। इससे पहले उसका एक सहयोगी हमीरपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का सहयोगी और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी अमर दुबे पुलिस मुठभेड़ में बुधवार तड़के मारा गया। यह मुठभेड़ लखनऊ पास हमीरपुर ज़िले में हुई है।
दिवंगत सीओ, बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा ने कानपुर के एसएसपी को पत्र लिखकर साफ कहा था कि चौबेपुर के थाना अध्यक्ष विनय तिवारी का मिलना-जुलना विकास दुबे से है और उनकी शह से यह अपराधी आतंक फैला रहा है।
बिठूर पुलिस स्टेशन के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि विकास दुबे के लोग पूरी तरह तैयार थे और सभी लोग सेमी ऑटोमैटिक हथियारों से लैस थे दूसरी ओर, हमारे पास असलहा तक नहीं था।
राम राज का दावा करने वाली योगी सरकार के राज में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार तीन लाख एफ़आईआर के साथ अपराध में यह देश का सिरमौर राज्य है।
चौबेपुर थाने के पुलिसकर्मियों की जाँच शुरू की जा चुकी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अपराधी को गिरफ़्तार करने की योजना उन तक किसने पहुँचाई थी।
कानपुर के बिकरू में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग द्वारा पुलिसकर्मी का सिर धड़ से अलग कर दिया गया, पैरों की अंगुलियाँ काट दी गईं, शरीर को क्षत-विक्षत किया गया। यह माओवादी हमले जैसा था।
कानपुर देहात के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस-प्रशासन ने शनिवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर को जेसीबी से ढहा दिया है।