अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद भी इस पर राजनीति थम नहीं रही है, न ही राम के राजनीतिक इस्तेमाल की कोशिश। बीजेपी के तीन सासंद-परवेश साहेब सिंह वर्मा, मनोज तिवारी और रवि किशन आगे बढ़ कर भव्य राम लीला का आयोजन कर रहे हैं।
ऐसे समय जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियाँ तेज़ हैं, वहां से गड़बड़ी की ख़बरें भी आ रही हैं। मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा करें तो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से बहुत बड़ी रकम धोखाधड़ी कर निकाल ली गई है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस घोषणापत्र जारी कर देगी। दस लाख लोगों से मशविरा करेगी और जनता की मांगों, अपेक्षाओं व संकल्पों को इसमें शामिल करेगी। कांग्रेस इसे 'जनता का घोषणापत्र' नाम दे रही है।
काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को अयोध्या के राम मुद्दे की तरह गरम करने और इस पर आन्दोलन चलाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पशोपेश में है।
उन्नाव बलात्कार कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। इसकी वजह यह है कि कम से कम एक आईएएस और तीन आईपीएस अफ़सरों पर गाज गिर सकती है क्योंकि उन्होंने इस मामले में एकदम शुरू में एफ़आईआर दर्ज नहीं की थी।
क्या अयोध्या के बाद अब मथुरा और वाराणसी की बारी है? क्या रामजन्मभूमि विवाद के बाद वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्णजन्मभूमि मंदिर के लिए आन्दोलन शुरू होने वाला है?
निर्वेंद्र मिश्रा की हत्या से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या उत्तर प्रदेश में जंगल राज है, कानून-व्यवस्था क्यों नहीं सुधर रही? इससे निपटने के लिए योगी सरकार के पास क्या योजना है?
उत्तर प्रदेश में वाकई जंगल राज आ चुका है। बीते 24 घंटों में ही कई ज़िलों में ताबड़तोड़ हत्याएं हुयी हैं। जनता आक्रोश में सड़कों पर उतर रही है। कुशीनगर में हत्या कर भाग रहे युवक को भीड़ ने पुलिस की पकड़ में पीट-पीट कर मार डाला।
कांग्रेस नेता चिट्ठी सोनिया गाँधी को चिट्ठी लिखने को लेकर चल रहे विवाद के बीच ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2 साल बाद होने वाले चुनाव के लिए 7 पैनल बनाए हैं। इसमें जितिन प्रसाद और राज बब्बर जैसे कई बड़े नाम शामिल नहीं किए गए हैं।