उत्तर प्रदेश सरकार फ़ोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की जिस रिपोर्ट के आधार पर हाथरस में बलात्कार की घटना को सिरे से खारिज कर रही थी, उस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया गया है।
सरकारी तंत्र का दावा है कि बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुसलिम देशों और इसलामिक कट्टरपंथी संगठनों से पैसा आया था। हालांकि पैसा आने का कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद रावण और 400-500 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ महामारी एक्ट और आईपीसी की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की गई है। राहुल व प्रियंका पर भी केस दर्ज किए गए थे। फिर हाथरस में सवर्णों की पंचायत कैसे हो रही है?
योगी की पुलिस ने ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। लेकिन सवर्ण खुलकर बैठक कर रहे हैं।
हाथरस कांड की पीड़िता का मेडिको-लीगल रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासन, योगी आदित्यनाथ सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के बलात्कार न होने के तमाम दावों की धज्जियाँ उड़ा कर रख देता है।
भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर हाथरस पीड़िता का वीडियो अटैच कर दिया है। यह क़ानून अपराध है, तो क्या उत्तर प्रदेश पुलिस उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी?
हाथरस में दलित युवती के साथ हुई हैवानियत से नाराज वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने शनिवार को उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी आगरा और फिरोज़ाबाद में पुलिस से भिड़ंत हो गई।