क्या उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उन पत्रकारों को निशाने पर ले रही है, जिन्होंने हाथरस बलात्कार व हत्याकांड पर उसकी इच्छा के ख़िलाफ़ काम किया था?
हाथरस बलात्कार व हत्या मामले में सरकार की फ़जीहत होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीजेपी के पूर्व विधायक राजवीर सिंह 'पहलवान' के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाथरस पीड़िता की पहचान को उजागर करने के मामले में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को नोटिस दिया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हाथरस बलात्कार व हत्या मामले में दोषियों को सज़ा दिलाने के बजाय उन लोगों को निशाने पर ले रही है, जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर उसकी आलोचना की है। वह अपने विरोधियों को भी इसी बहाने फँसाने की कोशिश भी कर रही है।
पीएफ़आई यानी पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया से कथित रूप से जुड़े एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों को पुलिस ने मथुरा से देर रात को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा है कि वे सभी दिल्ली से एक कार में हाथरस जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश सरकार फ़ोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की जिस रिपोर्ट के आधार पर हाथरस में बलात्कार की घटना को सिरे से खारिज कर रही थी, उस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया गया है।
सरकारी तंत्र का दावा है कि बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुसलिम देशों और इसलामिक कट्टरपंथी संगठनों से पैसा आया था। हालांकि पैसा आने का कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद रावण और 400-500 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ महामारी एक्ट और आईपीसी की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की गई है। राहुल व प्रियंका पर भी केस दर्ज किए गए थे। फिर हाथरस में सवर्णों की पंचायत कैसे हो रही है?