दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस को धूल चटा चुकी आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि वह फरवरी 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को पूरी ताक़त के साथ लड़ेगी।
मुरादाबाद के कांठ में धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत संरक्षण गृह में भेजी गई महिला के गर्भपात की मीडिया रिपोर्टों को ज़िला प्रशासन ने खारिज कर दिया है। इसने तो उसे 'फ़ेक न्यूज़' क़रार दे दिया है।
उत्तर प्रदेश में कथित 'लव जिहाद' के इतने मामले क्यों आने लगे हैं? उन मामलों में भी जिनमें संबंधित परिवारों को पता नहीं होता फिर भी 'लव जिहाद' सामने आ जाता है।
हत्या, बलात्कार, लूटपाट की ताबड़तोड़ वारदातों से सहमे उत्तर प्रदेश में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहां पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शादियां हो रही हैं।
उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' यानी ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून के दो अलग-अलग चेहरे दिखने लगे हैं। इस क़ानून के बाद 12 घंटे के अंतराल में दो केस दर्ज कराए गए। एक केस में लड़के को जेल भेजा और लड़की को अलग कर सरकार के संरक्षण में रखा गया।
उत्तर प्रदेश में कहीं पुलिस किसी अंतर धार्मिक शादी के बीच में पहुंचकर उसे रुकवा रही है तो कहीं दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल अंतर धार्मिक शादी करने वालों को धमका रहा है।
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की 11 सीटों पर हुए चुनावों में बीजेपी को प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में मुँह की खानी पड़ी है। वाराणसी में शिक्षक व स्नातक दोनों सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी हार गए हैं।
उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' यानी ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण से जुड़े अध्यादेश के तहत बरेली में जो पहला केस दर्ज किया गया है उसी में पुलिस का रवैया संदेहों में घिर गया है। आरोप है कि पुलिस के दबाव में यह केस दर्ज कराया गया है।
‘लव जिहाद’ पर विधानसभा के शीतकालीन सत्र का इंतज़ार किए बिना अध्यादेश लाकर क़ानून लाने के प्रयास को अब राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गयी और बरेली में लव जिहाद को लेकर पहला मामला भी दर्ज कर लिया गया।