अंतरधार्मिक शादियों के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस किस कदर हाथ धोकर पीछे पड़ी है, वह एटा ज़िले के एक मामले में भी दिखता है। एक लड़की ने घर छोड़ा, धर्मांतरण किया और एक मुसलिम युवक से दिल्ली में शादी कर ली।
नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय की शतवार्षिकी पर ज़ोर देकर कहा कि कुछ लोग वैचारिक मतभेद के नाम पर ऐसा कुछ कर सकते हैं जो राष्ट्रहित में नहीं है, लेकिन यदि आप अपना पूरा ध्यान राष्ट्र निर्माण में लगाएंगे तो ऐसे लोग अलग-थलग पड़ते जाएंगे।
हाथरस की घटना के वे अकेले 4 अभियुक्त नहीं हैं जिनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर हुई है बल्कि अभियुक्तों की ऐसी फ़ौज है जो शासन और प्रशासन के ऊंचे-नीचे पदों पर क़ाबिज़ है। सबसे बड़ा न्यायिक सवाल यह है कि इस लोगों के विरुद्ध चार्जशीट कौन दायर करेगा और कब?
हाथरस घटना का सच क्या है? घटना के तीन महीने में इसकी अलग-अलग कहानियाँ बनाकर पेश की गईं। अब सीबीआई ने चार्जशीट में घटना के अलग-अलग वर्जन और सबूतों का विश्लेषण पेश किया है।
दिल्ली के टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों से परेशान मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें भी मैदान में आ गई हैं।
राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद इसे जनता की भावनाओं व आस्था से जुड़े रखने की तैयारी की जा रही है। मंदिर का सियासी फ़ायदा उठाने के लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों तक राम मंदिर मुद्दे को जिंदा रखा जाएगा।
राजभर उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं तो ओवैसी ने बिहार चुनाव के बाद हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी इस बात को साबित किया है कि मुसलिम मतदाता उनके साथ खड़े हैं।
मुरादाबाद में धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत संरक्षण गृह में भेजी गई पिंकी के गर्भपात की ख़बरों को ज़िला प्रशासन द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब पिंकी ने ही यह आरोप लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश के 'लव जिहाद क़ानून' की कथित अभियुक्त मुरादाबाद की पिंकी की कोख यदि सचमुच सुरक्षित रह पाती है तो जन्म लेने के बाद उसका अबोध शिशु अपने और अपनी माँ के ऊपर हुए शारीरिक व मानसिक आघातों का हिसाब-किताब किससे माँगेगा?