उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 'हम लेके रहेंगे आज़ादी' का नारा लगाने की वजह से छह छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज कर दिया है। इतना ही नहीं, इन छात्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) भी लगा दिया गया।
अंतरधार्मिक शादी करने पर युवक के पूरे परिवार और रिश्तेदार को जेल में डाल दिया गया, लेकिन शादी करने वाले युवक-युवती नहीं मिल पाए थे। आख़िर दोनों क्यों भाग गए थे?
अंतरधार्मिक शादी करने पर उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले के मुहम्मद जावेद के 14 नज़दीकी रिश्तेदार जेल में हैं। क्या बीजेपी के लिए ‘लव जिहाद’ धर्म परिवर्तन से ज़्यादा राजनीतिक मसला नहीं है?
जैन समुदाय के लोगों की बैठक हुई और उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इसे लेकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की है कि ऐसे शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में एक ओर देश भर से किसान शामिल हो रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर इन क़ानूनों के समर्थन में भी किसान लामबंद हो रहे हैं।
स्कूल में पढ़ने वाला 18 साल का सोनू यानी साक़िब अपनी कक्षा में पढ़ने वाली 16 साल की हिन्दू दलित लड़की के साथ घूमने गया, पित़्जा खाया और कोल्ड ड्रिंक पीया। पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया।
हाथरस में हुई बलात्कार की लोमहर्षक घटना को झुठलाने की कोशिशों में की गयी कार्रवाई में मथुरा, गौतमबुद्ध नगर और हाथरस में तैनात एसटीएफ़ अपने ही जाल में फंस गई है।
उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले में अंतरधार्मिक शादी यानी लव जिहाद के मामले में पुलिस ने मुसलिम युवक के परिवार व रिश्तेदारों के 14 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है।
अंतरधार्मिक शादियों के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस किस कदर हाथ धोकर पीछे पड़ी है, वह एटा ज़िले के एक मामले में भी दिखता है। एक लड़की ने घर छोड़ा, धर्मांतरण किया और एक मुसलिम युवक से दिल्ली में शादी कर ली।
नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय की शतवार्षिकी पर ज़ोर देकर कहा कि कुछ लोग वैचारिक मतभेद के नाम पर ऐसा कुछ कर सकते हैं जो राष्ट्रहित में नहीं है, लेकिन यदि आप अपना पूरा ध्यान राष्ट्र निर्माण में लगाएंगे तो ऐसे लोग अलग-थलग पड़ते जाएंगे।
हाथरस की घटना के वे अकेले 4 अभियुक्त नहीं हैं जिनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर हुई है बल्कि अभियुक्तों की ऐसी फ़ौज है जो शासन और प्रशासन के ऊंचे-नीचे पदों पर क़ाबिज़ है। सबसे बड़ा न्यायिक सवाल यह है कि इस लोगों के विरुद्ध चार्जशीट कौन दायर करेगा और कब?
हाथरस घटना का सच क्या है? घटना के तीन महीने में इसकी अलग-अलग कहानियाँ बनाकर पेश की गईं। अब सीबीआई ने चार्जशीट में घटना के अलग-अलग वर्जन और सबूतों का विश्लेषण पेश किया है।