मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ के चचेरे भाई और भाभी की उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में नृशंस हत्या कर दिये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ शामली में आयोजित किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। जिला प्रशासन की ओर से इस महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई थी।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने निकले एक किसान की मौत के बाद तिरंगे में लपेटे जाने पर उसकी पत्नी और भाई के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। उन पर राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को ज़िला प्रशासन से कहा है कि वह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ न जाए। कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें कहा गया था कि सीतापुर प्रशासन ने किसानों को नोटिस जारी किया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इस बात का अंदाजा कतई नहीं रहा होगा कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर खाली कराने की उसकी कोशिश का इतना जबरदस्त रिएक्शन होगा कि माहौल ही बदल जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में तीन पत्रकारों पर इसलिए एफ़आईआर दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने ठंड में ठिठुरते स्कूली बच्चों से योगा कराने पर एक ख़बर प्रकाशित की थी।
यूपी में लव जिहाद के नाम पर युवा दंपत्ति की घेराबंदी करना कोई हालिया मसला नहीं। सालों पहले नरेंद्र और नजमा ने इसे तब महसूस किया था जब निरपराध होने के बावजूद उन्हें हत्या के एक झूठे मामले में अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया गया था।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पंद्रह जनवरी को अपने जन्मदिन पर घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। क्या वह समझ गईं कि यूपी में गठबंधन की राजनीति नहीं चलेगी?