एक समय देश को झकझोर देने वाले बाबरी मसजिद विध्वंस मामले में पिछले साल फ़ैसला देने वाले जज (अब सेवानिवृत्त) सुरेंद्र कुमार यादव को उत्तर प्रदेश में उप लोकायुक्त बनाया गया है। उन्होंने सोमवार को उप लोकायुक्त पद की शपथ ली।
नरेंद्र मोदी की चाय दुकान से प्रधानमंत्री बनने तक के सफ़र और उनकी कामयाबी से प्रेरणा लेकर उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर की रहने वाले मीनाक्षी ने भी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और राजनीति में कूद पड़ीं।
यह जान कर आपको ताज्जुब हो कि पंचायत विकास कोष का बजट कुछ मामलों में सांसद निधि कोष से भी ज़्यादा है। हर साल सांसद को अपने क्षेत्र के विकास के लिए पाँच करोड़ रुपए मिलते हैं। कई मामलों में पंचायत क्षे विकास के लिए इससे ज़्यादा रकम मिलती है।
यूपी में पंचायत चुनावों के बीच सवाल है कि पिछले 6 महीनों में उठ खड़े हुए देशव्यापी किसान आंदोलन का खूँटा पकड़कर विपक्ष इन पंचायत चुनावों में बीजेपी की चूलें उघाड़ने में कामयाब होगा या नहीं?
उत्तर प्रदेश में चार चरणों में होने वाले पंचायत चुनावों में वैसे तो बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस ने पूरी ताक़त लगा रखी है पर सबसे ज़्यादा हलचल दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के खेमों में नज़र आ रही है।
चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए शराब पिलाने की बात तो पुरानी हो चुकी है, लेकिन समोसा जलेबी! जी हाँ। यह चौंकने की नहीं, लेकिन हँसने या अपना सिर पीट लेने की बात ज़रूर है।
छोटे व स्थानीय स्तर पर होने वाले उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में वही गहमगहमी, राजनीतिक दाँव पेंच, घात-प्रतिघात और आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं, जो विधानसभा चुनावों में होते हैं।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मसजिद के मामले में जिला अदालत के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से खुदाई करवाने के फ़ैसले को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड चुनौती देगा।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) का दुरुपयोग किस तरह करती है और इसके जरिए किस तरह ख़ास समुदाय के लोगों को निशाने पर लेती है, इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट के कुछ मामलों से समझा जा सकता है।
यूपी में पंचायत चुनाव शुरू हो चुके हैं। 75 ज़िलों की 58194 ग्राम पंचायतों के लिए चार चरणों में वार्ड सदस्य से लेकर प्रधान, बीडीसी और ज़िला पंचायत सदस्यों के चुनाव होंगे। परिणाम 2 मई को आएँगे।