छोटे व स्थानीय स्तर पर होने वाले उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में वही गहमगहमी, राजनीतिक दाँव पेंच, घात-प्रतिघात और आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं, जो विधानसभा चुनावों में होते हैं।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मसजिद के मामले में जिला अदालत के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से खुदाई करवाने के फ़ैसले को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड चुनौती देगा।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) का दुरुपयोग किस तरह करती है और इसके जरिए किस तरह ख़ास समुदाय के लोगों को निशाने पर लेती है, इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट के कुछ मामलों से समझा जा सकता है।
यूपी में पंचायत चुनाव शुरू हो चुके हैं। 75 ज़िलों की 58194 ग्राम पंचायतों के लिए चार चरणों में वार्ड सदस्य से लेकर प्रधान, बीडीसी और ज़िला पंचायत सदस्यों के चुनाव होंगे। परिणाम 2 मई को आएँगे।
उत्तर प्रदेश में एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के इस्तेमाल पर सवाल उठते रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 120 मामलों में से 94 मामलों को खारिज कर दिया और हिरासत में लिए गए आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में 10 वीं कक्षा की छात्रा से चार लोगों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अभियुक्तों ने दुष्कर्म के बाद लड़की को जबरन ज़हर खिलाया।