यह बात बार-बार कही जा रही है कि कोरोना का संक्रमण गांवों में फैल चुका है। किसी एक राज्य के नहीं, कई राज्यों के गांवों में। लेकिन बावजूद इसके सरकारें चेतने को तैयार नहीं दिख रही हैं।
क्या उत्तर प्रदेश और बिहार में सरकारी मशीनरी कुंभकर्णी नींद सो चुकी है क्योंकि इन दोनों राज्यों में नदियों से लगातार शव मिल रहे हैं और ऐसा क्यों हो रहा है, अफ़सर इसका सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
ऐसे समय जब कोरोना से रोज़ाना लगभग चार लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं और लगभग चार हज़ार लोगों की मौत हो रही है, कोरोना दिशा निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं।
सोमवार को बिहार के बक्सर में गंगा में 45 से ज़्यादा शव मिलने की ख़बर और इसके विजुअल्स से विचलित हुए लोगों को उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बदइंतजामों पर आम लोगों की नाराज़गी तो आपने देखी ही, बीजेपी के नेता भी कई बार खुलकर योगी सरकार के ख़िलाफ़ नाराज़गी जता चुके हैं।
कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में सरकार की ओर से हालात के सामान्य होने के दावों के बीच बरेली से सांसद और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के एक पत्र से खलबली का माहौल है।
आरएलडी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का निधन हो गया। उनके बेटे जयंत चौधरी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि अजित सिंह कोरोना संक्रमित थे।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए इससे जुड़े सरकारी अधिकारियों को जो़रदार फटकार लगाई है और कहा है कि इसकी आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी तरह नरसंहार से कम नहीं है।
कोरोना के चरम पर हुए पंचायत चुनाव में यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की दुर्गति हुई है। किसान आंदोलन की आँच में पार्टी पश्चिमी यूपी में भी बुरी तरह झुलसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में भी बीजेपी को हार मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि यदि पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती दो हफ़्ते बाद हुई तो आसमान नहीं गिर पडेगा। राज्य चुनाव आयोग इसके बावजूद तय समय यानी 2 मई को वोटों का गिनती कराने पर तुला हुआ है।