बीजेपी ने क्या उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में 825 सीटों में से 600 से ज़्यादा सीटें जीतकर बड़ी जीत हासिल नहीं की है? विपक्ष की क्या रही कमजोरी?
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण क़ानून को लेकर योगी सरकार ने फ़ॉर्मूला तैयार कर लिया है। इसके तहत दो से ज़्यादा बच्चे वालों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही वो स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायत और ज़िला पंचायत का कोई चुनाव लड़ पाएँगे।
उत्तर प्रदेश में ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की कहानी ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में दोहरायी गई। पहले 40 फ़ीसदी से अधिक ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध बनवा दिए गए, जिन सीटों के लिए मतदान हुआ, उनमें से भी अधिकांश बीजेपी के खाते में गयी हैं।
उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख पद के चुनावों में जिस तरह की हिंसा, गुंडागर्दी हुई है, उसने यह बहस छेड़ दी है कि क्या उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है।
यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। हालाँकि, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का यहाँ कोई विशेष जनाधार नहीं है।
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में सत्ता की भरपूर दबंगई के बाद ब्लॉक प्रमुख पद के चुनावों में हिंसा, गुंडागर्दी, छिनैती से लेकर मारपीट के नजारे दिखाई दिए।
मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में हालांकि उत्तर प्रदेश को काफ़ी अहमियत दी गई है और सात मंत्री बनाए गए हैं लेकिन बावजूद इसके नाराज़गी की भी बात सामने आई है।
नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जातीय समीकरण और मंत्रियों की जाति बताए जाने का प्रचार जोर शोर से चल रहा है। यूपी से 7 मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में जगह देकर आख़िर किसको साधने की कोशिश की गई है?