उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा में वैसा ही जवाब दिया है, जैसा केंद्र की सरकार ने कुछ महीने पहले संसद में दिया था। योगी सरकार ने गुरूवार को विधानसभा में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है।
हम जानते हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना की दूसरी लहर में देश भर में हाहाकार मच गया था और उत्तर प्रदेश के साथ ही तमाम राज्यों में इस वजह से मौत की ख़बरें आई थीं लेकिन पहले केंद्र सरकार और अब उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसा बेहूदा तर्क दिया है।
योगी सरकार ने कहा है कि महामारी के दौरान राज्य में मारे गए लगभग 30 हज़ार लोगों के डेथ सर्टिफ़िकेट में भी इस बात को नहीं लिखा गया है कि किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है।
योगी सरकार का यह बयान पूरी तरह सच्चाई से परे दिखता है क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी तरह के नरसंहार से कम नहीं है। आगरा के अलावा मेरठ में भी ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत की ख़बर आई थी।
उस दौरान उत्तर प्रदेश के अलावा देश की राजधानी दिल्ली, कर्नाटक और गोवा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई थी।
अपनी राय बतायें