कुख्यात विकास दुबे के सरेंडर/गिरफ्तारी के बाद खुद को शाबासी दे रही यूपी पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर यह शातिर अपराधी वारदात के बाद दो दिन तक कैसे कानपुर में ही रहा और फिर चंबल के रास्ते उज्जैन कैसे निकल गया। फरीदाबाद में विकास के छिपे रहने की ख़बर में क्या सच्चाई है? फरीदाबाद में विकास को शरण देने के अपराध में जिसे पकड़ा गया और मुडभेड़ में मार दिया गया उसकी क्या सच्चाई है?, इन अहम सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है।
विकास दुबे के पुलिस हिरासत में होने की ख़बर आते ही शहीद सीओ के परिजनों ने कहा कि ये प्लान्ड सरेंडर है, गिरफ्तारी नहीं है।
बिकरू गांव के लोग कह रहे हैं कि वारदात के बाद से ही विकास का मध्य प्रदेश जाना तय था। पहले भी एक बार वो उज्जैन में ही एक मामले में सरेंडर कर चुका था।
ख़बर आ रही है कि विकास के सरेंडर करने से पहले बुधवार की रात 8.30 बजे उज्जैन के जिलाधिकारी आशीष सिंह और पुलिस कप्तान महाकाल के मंदिर पहुंचे थे और पूजा न करके एक कमरे में काफी देर बातचीत की थी। इसके बाद गुरुवार सुबह विकास ने सरेंडर कर दिया।
विकास ने बाकायदा उज्जैन के महाकाल मंदिर में तसवीरें खिंचवाईं, पूजा की और फिर अपना परिचय देकर सरेंडर किया है। यह सब वीडियो में देखा जा सकता है।
विकास के आत्मसमर्पण के बाद पहला बयान मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का आया। मिश्रा विधानसभा चुनावों में कानपुर में बीजेपी के प्रभारी रहे थे।
अभी कुछ कहना ठीक नहीं: मिश्रा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विकास दुबे मध्य प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। मिश्रा ने कहा, ‘गिरफ्तारी कैसे हुई इसके बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। मंदिर के अंदर या बाहर से गिरफ्तारी हुई इसके बारे में भी कहना ठीक नहीं है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि विकास दुबे क्रूरता की हदें शुरू से पार कर रहा था।
गृहमंत्री ने कहा कि सरेंडर या गिरफ्तारी इंटेलीजेंस की बात है और ज्यादा कुछ भी कहना सही नहीं है। उनका कहना है कि वारदात होने के बाद से ही पूरी मध्य प्रदेश पुलिस को अलर्ट पर रखा हुआ था।
एमपी कांग्रेस का मिश्रा पर हमला
विकास दुबे के पकड़े जाने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ओर से कानपुर के प्रभारी थे और वही टीवी पर सबसे पहले बयान देने आए। कांग्रेस ने कहा कि दाल में कुछ काला की बात छोड़िए यहां तो पूरी दाल ही काली है। हालांकि पहले कांग्रेस और अब बीजेपी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि महाकाल के दरबार में कोई बचता नहीं है। एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे को पकड़ने पर उज्जैन पुलिस को बधाई दी।
पुलिस की विफलता नहीं : एडीजी
दुबे को लेने के लिए यूपी पुलिस और एसटीएफ़ कमांडो दस्ते के साथ मध्य प्रदेश रवाना होंगे। इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी के घर पर उच्च स्तरीय बैठक हुई है। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि विकास दुबे को ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाया जाएगा। इसके अलावा विकास दुबे के बाकी फरार साथियों पर भी जल्द शिकंजा कसा जाएगा।
विकास दुबे के हाथ से फिसलने पर एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि पूरे देश की पुलिस एक है। हम और एमपी पुलिस अलग नहीं हैं। इसको सफलता या असफलता से नहीं देखा जाएगा। उनके मुताबिक़, पुलिस का काम तथ्यों को रिपोर्ट करना है, जज करना नहीं। सरेंडर है या अरेस्ट, ये पुलिस बाद में बताएगी। इस मुद्दे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह का वीडियो -
'सरकार फेल, सीबीआई जांच हो'
विकास दुबे के पकड़े जाने के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘यूपी सरकार साफ करे कि यह सरेंडर है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक की जाए ताकि सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में कहा कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, उसमें वह पूरी तरह फेल साबित हुई।
प्रियंका ने कहा, ‘अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है। तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं।’
प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी सरकार को मामले की सीबीआई जांच कराकर सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए।
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