महाकुंभ भगदड़ में हताहतों की संख्या उजागर नहीं करने के लिए आलोचनाएँ झेल रहे प्रशासन ने आख़िरकार आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी बुधवार शाम को दी। महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में बुधवार की सुबह मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। सरकार ने मामले की जांच के लिए जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हम पूरे दिन मुख्यमंत्री के कंट्रोल रूम, मुख्य सचिव के कंट्रोल रूम और डीजीपी के कंट्रोल रूम से पूरी घटना पर नजर रखे हुए हैं।' उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की।
महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि मारे गए 25 लोगों की पहचान कर ली गई है, जबकि घायलों का स्थानीय मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। डीआईजी ने बताया, 'श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है।' प्रयागराज में मौनी अमावस्या के मौके पर होने वाले स्नान के लिए इतनी भीड़ हो गई कि उसमें भगदड़ मच गई। हालाँकि मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में भीड़ पहले भी होती रही है लेकिन इस बार महाकुंभ की वजह से भारी भीड़ है। लेकिन उसके हिसाब से यहां पर्याप्त इंतजाम नहीं किये गये।
अधिकारी ने कहा, 'मौनी अमावस्या स्नान के दिन ब्रह्म मुहूर्त से ठीक पहले रात 1 से 2 बजे के बीच अखाड़े के रास्ते पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे दूसरी तरफ लगे बैरिकेड टूट गए। इस तरफ की भीड़ दूसरी तरफ चली गई और ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलने लगी। प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया और एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया और 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया। दुर्भाग्य से, इनमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।'
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान संगम पर भगदड़ जैसी घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की मदद में लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और कुछ श्रद्धालुओं को गंभीर चोटें आई हैं।
मुख्यमंत्री ने पहले दिन में कहा था कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स को लांघ गए और इस वजह से उनमें से कुछ घायल हो गए और इसी वजह से भगदड़ मची। उन्होंने कहा था कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों से महाकुंभ के बारे में अफ़वाहें न फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कुंभ में भारी भीड़ है। कुंभ में आठ से दस करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। कल करीब छह करोड़ श्रद्धालु आए और संगम में पवित्र डुबकी लगाई। यह घटना रात 1 से 2 बजे के बीच हुई। भीड़ कम होने के बाद संत अमृत स्नान करेंगे। घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं।
अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीन बार बात की और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री स्थिति को सामान्य बनाने और राहत के निर्देश दे रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी आदित्यनाथ से बात की और केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
अनगिनत एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुँचीं। घायलों को कुंभ के सेक्टर 2 में एक अस्थायी अस्पताल में भेजा गया है। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से संगम में डुबकी लगाने के बाद जगह खाली करने की अपील की है।
अखाड़ों ने पहले घोषणा की थी कि भगदड़ के बाद बुधवार का अमृत स्नान रद्द कर दिया गया है। हालांकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि भगदड़ के बाद भीड़ कम होने के बाद अखाड़े योजना के अनुसार स्नान करेंगे। पुरी ने कहा- "करोड़ों लोग सुबह आए। हमने बुधवार सुबह का स्नान स्थगित करने की कोशिश की। लेकिन अब भीड़ कम हो गई है। जिन स्थानों पर हमें पवित्र स्नान करना था, उन्हें साफ किया जा रहा है। हम पवित्र स्नान करेंगे। वहां स्नान होगा। सभी अखाड़ों का कोई बड़ा जुलूस नहीं होगा, बल्कि एक रैली होगी।''
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी ने कहा कि अखाड़े प्रशासन के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्होंने कहा कि लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए गलत सूचना फैलाई गई, जिससे भगदड़ मच गई।
पुरी ने कहा "हमारे पास बहुत समय है और हमें कोई जल्दी नहीं है। हम रात में भी स्नान कर सकते हैं। सुबह लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए गलत सूचना फैलाई गई और वे सफल हो गए। सुबह जब हमने सभी से बात की।" हमने पाया कि वास्तविकता अलग थी और बहुत सारी अफवाहें फैलाई गईं। मैं लोगों से आग्रह करना चाहता हूं कि वे संगम की ओर न भागें और जहां भी गंगा जी मिले, डुबकी लगा लें।''
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