बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डु जमाली बुधवार को पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। आज़मगढ़ की मुबारकपुर सीट से दो बार विधायक (2012, 2017) रहे जमाली पूर्वी यूपी में काफी लोकप्रिय हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के पूर्व छात्र गुड्ड जमाली इलाके में इसी नाम से ज्यादा जाने जाते हैं।
लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। समाजवादी पार्टी आजमगढ़ विधान सभा के सभी सम्मानित नेतागढ़ एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। अध्यक्ष जी ने जो प्यार और स्नेह दिया उसका मैं तहे दिल से शुक्रिया और… pic.twitter.com/jcG3kVplEC
— Shah Alam (Guddu Jamali) (@shahalam_jamali) February 28, 2024
एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "आज (बुधवार), मैं शाह आलम गुड्डु और उनके समर्थकों को बधाई देता हूं। इस साल के चुनाव में 'समुद्र मंथन' की तरह 'संविधान मंथन' भी शामिल होगा। हमें खुशी है कि हमारा पीडीए परिवार बढ़ रहा है, और हम 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए मिलकर काम करेंगे।''
मेरी परवरिश में 99 प्रतिशत दोस्त हिंदू है,मेरी ज़िन्दगी पर अगर किसी का एहसान है तो मेरे हिंदू भाइयों का है ये फैसला किसी लोभ लालच में नहीं लिया है।
— Er.Kuldeep Yadav (@kuldeepyadavsp_) February 28, 2024
माननीय अध्यक्ष महोदय मैं पीडीए के नारे को ताकत देता उसके हां में हां मिलाता हूं#GudduJamali #SamajwadiParty pic.twitter.com/mJ1EYxQLOu
पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से जुड़े रहे गुडडू जमाली दो बार के विधायक बन चुके हैं। 2022 में आज़मगढ़ लोकसभा उपचुनाव वो हार गए, लेकिन शायद सबसे बड़ा प्रभाव डाला। उनकी वजह से सपा चुनाव हार गई। क्योंकि गुड्डू जमाली ने बसपा टिकट पर लड़ा था। मुस्लिम वोट सपा-बसपा में बंट गए।
उन्होंने 2014 और 2022 के लोकसभा उपचुनावों में क्रमशः सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और पार्टी नेता धर्मेंद्र यादव को आज़मगढ़ से चुनौती दी थी। 2022 के उपचुनाव में, जमाली को आजमगढ़ क्षेत्र से 2,66,210 वोट मिले, जो जाहिरा तौर पर मुस्लिम मतदाताओं के कारण था। बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ 3.12 लाख वोट के साथ चुनाव जीते, जबकि एसपी के धर्मेंद्र यादव को 3.04 लाख वोट मिले।
2019 का लोकसभा चुनाव अखिलेश यादव ने यहां से लड़ा था और 60.36 फीसदी वोट शेयर लेकर बड़ी जीत दर्ज की थी। उस समय सपा-बसपा का गठबंधन भी था। लेकिन 2022 के उपचुनाव में सपा ने गलती की और अखिलेश के रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव को वहां से टिकट दे दिया, गुड्डू जमाली को नजरन्दाज किया गया। अगर उस समय सपा ने आजमगढ़ से गुड्डू जमाली को टिकट दिया होता तो गुड्डू इस समय संसद में होते। जब सपा से उन्हें टिकट नहीं मिला तो गुड्डू बसपा में चले गए थे। यानी आजमगढ़ में हुए तमाम चुनावों में उन्होंने अपना महत्व बरकरार रखा।
2014 के चुनाव में, जमाली को आज़मगढ़ से 2.66 लाख से अधिक वोट मिले और तीसरे स्थान पर रहे, जबकि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 3.40 लाख मतदाताओं के साथ सीट जीती। सपा ने अभी तक आज़मगढ़ सीट पर कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। लेकिन धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ और कन्नौज सीट का प्रभारी बनाया है।
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