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फूलपुर में राहुल-अखिलेश के लिए इतना जनसैलाब क्यों, क्या हैं संकेत?

यूपी के पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव की तस्वीर एकदम अलग है। दो दिन पहले मोदी की रैलियां हो रही थीं और उसके बाद भाजपा ने मैदान फतह करने का दावा कर दिया था। लेकिन रविवार को सिर्फ फूलपुर और करछना में राहुल गांधी-अखिलेश यादव की रैलियों में इतनी भीड़ उमड़ी की उसने मोदी की रैलियों के रंग को फीका कर दिया। पूर्वांचल की खास बात यह है कि यहां नेता के भाषण से ज्यादा लोग संकेत को ग्रहण करते हैं। 
फूलपुर के कई वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों ने वायरल कर दिया है। वहां इतनी भीड़ हो गई थी कि राहुल को भीड़ के बीच से रास्ता बनाकर मंच पर आना पड़ा। भीड़ ने बैरिकोड तोड़ दिया और मंच पर चढ़ गई। बेकाबू लोग नारे लगा रहे थे और राहुल-अखिलेश से हाथ मिलाना चाहते थे। इसमें युवकों की संख्या ज्यादा थी। भीड़ के मंच पर आने से दोनों नेता नाराज भी हुए। इतने हो हल्ले में दोनों ने नहीं बोलने का निर्णय किया और मंच से सिर्फ भीड़ का अभिवादन किया। इस भगदड़ में कुछ कार्यकर्ताओं को चोट भी आई। जिस हेलिकॉप्टर से अखिलेश और राहुल उतर रहे थे, अभी वो आसमान में था कि हजारों लोग हेलिपैड पर पहुंच गए। 
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दोनों रैलियों में हुआ क्या

पहली रैली फूलपुर संसदीय क्षेत्र के पड़िला में हुई। भीड़ बेकाबू थी। लोग स्टेज की तरफ दौड़े चले आ रहे थे। अखिलेश और राहुल ने बार-बार मंच से पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत होने का अनुरोध किया लेकिन उनकी अपील अनसुनी कर दी गई। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को उत्तेजित भीड़ को नियंत्रित करने में मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ से कई बार अपील करने के बाद, राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने आपस में थोड़ी चर्चा की और सुरक्षा में किसी भी चूक से बचने के लिए कार्यक्रम स्थल से चले गए। कार्यक्रम के दृश्यों में टूटे हुए बैरिकेड्स और उमड़ती भीड़ दिख रही है।

दूसरी रैलीः फूलपुर के बाद राहुल और अखिलेश इलाहाबाद संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले प्रयागराज जिले में दूसरी रैली के लिए करछना के मुंगारी पहुंचे। इस रैली में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, उत्साहित भीड़ बैरिकेड्स तोड़कर मंच तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी। इतना जनसैलाब अभी तक पूर्वाचल की राजनीतिक रैलियों में देखने को नहीं मिला।
फूलपुर और प्रयागराज की अव्यवस्थित रैली से ही पता चलता है कि सरकारी संसाधनों से होने वाली रैली और जनता द्वारा आयोजित की जाने वाली रैली में कितना अंतर होता है। फूलपुर में बिना किसी सरकारी मदद के हजारों की संख्या में लोग जा पहुंचे। इस वक्त पूर्वी उत्तर प्रदेश भीषण गर्मी और लू से जूझ रहा है लेकिन जनता का रास्ता भीषण गर्मी नहीं रोक सकी। वीडियो बता रहे हैं कि लोग दौड़ते हुए रैली में शामिल हो रहे हैं। यह जुनून क्या गुल खिलाएगा, इसका पता 4 जून को चल जाएगा।

फूलपुर में इंडिया गठबंधन की ओर से यह सीट सपा के पास है, जिसने अमरनाथ मौर्य को खड़ा किया, जबकि इलाहाबाद में कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह हैं। पूर्वांचल की इन दोनों सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान है। 

फूलपुर की भीड़ से गदगद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कविता की चार लाइनों के साथ वीडियो शेयर किया है। प्रियंका ने लिखा है- लेकिन होता भूडोल, बवंडर उठते हैं/ जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढ़ाती है। दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो/ सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। पूरे देश में INDIA की जबरदस्त लहर है। महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से त्रस्त जनता उठ खड़ी हुई है। 4 जून का नतीजा तय हो चुका है। जनता भारी बहुमत से INDIA की सरकार बनाने जा रही है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा है- गर्दा उड़ गइल। देखिए उनका ट्वीट-

प्रयागराज से कांग्रेस उम्मीदवार उज्जवल रमण सिंह के पिता रेवती रमण सिंह ने कहा कि ''भीड़ नियंत्रण से बाहर थी और पर्याप्त पुलिस नहीं थी. लोग मंच पर आ गए...राहुल गांधी और अखिलेश यादव को फूलपुर में बिना बोले लौटना पड़ा। प्रबंधन में चूक हुई, पर्याप्त पुलिस नहीं थी, शायद वे कहीं चुनाव ड्यूटी पर थे...इलाहाबाद में बदलाव होने वाला है, दिल्ली में हर बार बदलाव होता रहता है इलाहाबाद एक बदलाव करता है...।"

दोनों नेताओं के लिए प्रयागराज में भी भीड़ उमड़ी। इलाहाबाद में राहुल गांधी ने कहा कि "हमारे हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस-समाजवादी पार्टी की साझेदारी का समर्थन करने के लिए यहां हैं। मैं आपसे मतदान केंद्रों पर भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ खड़े होने और मतदान करने के लिए कहना चाहता हूं। यहां से इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार 5 लाख वोटों से जीतना चाहिए... यहां हमारे उम्मीदवार उज्जवल रमणसिंह हैं, उन्हें भारी बहुमत से जिताएं...''

अखिलेश यादव ने प्रयागराज में मोदी के भाषण पर निशाना साधते हुए कहा- मोदी का भाषण सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है, मंदिर पर बुलडोजर की बात कहने वालों पर एक्शन हो, राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बना है, मंदिर के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई हो। बता दें कि मोदी ने एक दिन पहले बाराबंकी की रैली में मतदाताओं को डराते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस और सपा सरकार सत्ता में आई तो ये लोग अयोध्या में राम मंदिर को बुलडोजर से गिरवा देंगे। हालांकि मोदी का यह बयान झूठा है, क्योंकि कांग्रेस और सपा ने इस तरह का कोई बयान पहले नहीं दिया था। अखिलेश ने रविवार को उसी पर निशाना साधा।

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क़मर वहीद नक़वी
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