हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से हिंदू संगठनों में उबाल है। सोशल मीडिया में हिंदूवादी संगठनों ने कमलेश के हत्यारों को जल्द पकड़ने के लिए अभियान चलाया हुआ है। ये संगठन यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को भी निशाने पर ले रहे हैं। राम मंदिर-बाबरी मसजिद मामले में अपीलकर्ता तिवारी की पहचान उग्र हिंदू नेता के तौर पर थी।
तिवारी पहले हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष थे लेकिन बाद में उन्होंने हिंदू समाज पार्टी बना ली थी। 2015 में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर विवादित बयान देने पर उन्हें जेल भी हुई थी और तब तिवारी के ख़िलाफ़ लाखों मुसलमान सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था। लखनऊ पुलिस ने तिवारी के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) लगाया था लेकिन एक साल बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इसे हटा दिया था।
पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिये गये विवादित बयान के बाद बिजनौर के एक मौलाना अनवारुल हक़ ने 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर 51 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
Family members of #KamleshTiwari say that they won't cremate his body till Chief Minister Yogi Adityanath pays them a visit. Wife says,"I will self-immolate." https://t.co/ONDfEMePyR pic.twitter.com/hRfSb9LhFp
— ANI UP (@ANINewsUP) October 19, 2019
तिवारी राम मंदिर पर अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि जिस दिन अयोध्या में पांच लाख हिंदू इकट्ठे हो जाएंगे, उस दिन राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा।
तिवारी राम मंदिर निर्माण को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी पर भी हमलावर रहे थे। विवादित स्थल पर कारसेवा करने के चलते उन्हें पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी थी। ख़बरों के मुताबिक़, तिवारी ने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनवाने का भी ऐलान किया था।
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