राज्यसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के संयुक्त उम्मीदवार होंगे। इस बात का एलान गुरुवार को समाजवादी पार्टी की ओर से किया गया। बता दें कि बुधवार को ही कांग्रेस के नेता रहे कपिल सिब्बल ने राज्यसभा चुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना पर्चा दाखिल किया था। उन्हें समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन बनाया था। इस महागठबंधन में राष्ट्रीय लोक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, महान दल सहित कुछ और राज्य स्तरीय दल शामिल थे।
हालांकि विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को जीत हासिल नहीं हुई थी लेकिन जयंत चौधरी को उम्मीदवार बनाकर अखिलेश यादव ने साफ किया है कि वह गठबंधन के घटक दलों को अपने साथ जोड़े रखना चाहते हैं।
इससे यह धारणा भी मजबूत हुई है कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव तक बना रहेगा। क्योंकि बीते दिनों में जयंत चौधरी की सियासी सक्रियता को लेकर भी कुछ सवाल उठ रहे थे।
जाट समाज में असर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जाट समाज जयंत चौधरी में उनके दादा और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का अक्स देखता है और चौधरी अजित सिंह के देहांत के बाद लोकदल को खड़ा करने जिम्मेदारी जयंत के ही कंधों पर है। हालांकि जयंत को विधानसभा चुनाव में वैसी कामयाबी नहीं मिली जैसी वे उम्मीद कर रहे थे लेकिन राज्यसभा सांसद बनने के बाद (जो लगभग तय है) उनका सियासी कद जरूर बढ़ेगा।
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